तेरे द्वार पे आने वालो ने क्या अजब नज़ारा देखा है
तेरे द्वार पे आने वालो ने क्या अजब नज़ारा देखा है
(मुखड़ा)
तेरे द्वार पे आने वालों ने,
क्या अजब नज़ारा देखा है,
हर ओर निराले जलवे हैं,
जहाँ भवन तुम्हारा देखा है,
तेरे द्वार पे आने वालों ने,
क्या अजब नज़ारा देखा है।।
(अंतरा)
पत्थर को चीर चट्टानों से,
क्या सुंदर गुफा बनाई है,
चरणों से निकली गंगधारा,
ये कैसी लीला रचाई है,
हर डाल-डाल, हर पत्ते में,
माँ नूर तुम्हारा देखा है,
तेरे द्वार पे आने वालों ने,
क्या अजब नज़ारा देखा है।।
दरबार में ध्यानु ने आकर,
सर काट के अपना चढ़ाया था,
माँ शक्ति आद्या भवानी ने,
फिर चमत्कार दिखलाया था,
ध्यानु के सर को जोड़ दिया,
उपकार तुम्हारा देखा है,
तेरे द्वार पे आने वालों ने,
क्या अजब नज़ारा देखा है।।
बलवीर कहे सुन जगदंबे,
क्यों दर से मुझे भुलाया है,
आयोजिका कहे सुन जगदंबे,
क्यों दर से मुझे भुलाया है,
एक बार करम अपना कर दो,
माँ, दास तुम्हारा आया है,
मैं कैसे सब्र करूँ दिल में,
दीदार तुम्हारा देखा है,
तेरे द्वार पे आने वालों ने,
क्या अजब नज़ारा देखा है।।
(अंतिम पुनरावृत्ति)
तेरे द्वार पे आने वालों ने,
क्या अजब नज़ारा देखा है,
हर ओर निराले जलवे हैं,
जहाँ भवन तुम्हारा देखा है,
तेरे द्वार पे आने वालों ने,
क्या अजब नज़ारा देखा है।।
तेरे द्वार पे आने वालों ने,
क्या अजब नज़ारा देखा है,
हर ओर निराले जलवे हैं,
जहाँ भवन तुम्हारा देखा है,
तेरे द्वार पे आने वालों ने,
क्या अजब नज़ारा देखा है।।
(अंतरा)
पत्थर को चीर चट्टानों से,
क्या सुंदर गुफा बनाई है,
चरणों से निकली गंगधारा,
ये कैसी लीला रचाई है,
हर डाल-डाल, हर पत्ते में,
माँ नूर तुम्हारा देखा है,
तेरे द्वार पे आने वालों ने,
क्या अजब नज़ारा देखा है।।
दरबार में ध्यानु ने आकर,
सर काट के अपना चढ़ाया था,
माँ शक्ति आद्या भवानी ने,
फिर चमत्कार दिखलाया था,
ध्यानु के सर को जोड़ दिया,
उपकार तुम्हारा देखा है,
तेरे द्वार पे आने वालों ने,
क्या अजब नज़ारा देखा है।।
बलवीर कहे सुन जगदंबे,
क्यों दर से मुझे भुलाया है,
आयोजिका कहे सुन जगदंबे,
क्यों दर से मुझे भुलाया है,
एक बार करम अपना कर दो,
माँ, दास तुम्हारा आया है,
मैं कैसे सब्र करूँ दिल में,
दीदार तुम्हारा देखा है,
तेरे द्वार पे आने वालों ने,
क्या अजब नज़ारा देखा है।।
(अंतिम पुनरावृत्ति)
तेरे द्वार पे आने वालों ने,
क्या अजब नज़ारा देखा है,
हर ओर निराले जलवे हैं,
जहाँ भवन तुम्हारा देखा है,
तेरे द्वार पे आने वालों ने,
क्या अजब नज़ारा देखा है।।
Ajab Nazara | Navratri 2021| तेरे द्वार पे आने वालों ने क्या अजब नज़ारा देखा है | Ayojika Arora