प्यारी सजनी रे साजन फूल गुलाब रो तो मैं फूलां री बास साजन म्हारो कालजो तो मैं साजन रो सांस साजन मैं तोरे थां की और बसूं वीराने वास काम करूं घर आपरो पर जिवड़ो तमीरे पास
प्रीतम के पत्तियाँ लिखूं जो वो बसे विदेस तन में मन में नैनन में ताको कौन संदेस नैनां अंतर आव तू नैना झंप तोहे लूं ना में देखूं और को ना तोहे देखन दूं प्यारी सजनी रे अपने पिया ने मनाई लेना पियाजी तो सूता, सुख भर नींद पिया ने जगाई लेना
Kabir Bhajan Lyrics in Hindi
नाभि कमल के मां एक नागण झूले हाँ पांच चोर वेरे लारे, जिवलो बुझोयो प्यारी सजनी रे हिरदय कमल के मां एक सुरता जागी हाँ चार पुरुष किया पास, जिवलो जगोयो प्यारी सजनी रे भंवर गुफ़ा के मां एक भंवरो गुणक्यो हाँ
महक महक लेवे वास निंधड़ा किस विध आवे हरि प्यारी सजनी रे मगन भया है दो नैन तम तो पिया पल खोलो रे भड़के सूं उड़ गयी म्हारी नींद पिया हँस बोलो सही प्यारी सजनी रे बोलिया कबीर विचार, वो तो कोई नर जागे हाँ आया आया गुराजी रे द्वारे भरमणा सो भागी रे प्यारी सजनी रे
साजन फूल गुलाब रो तो मैं फूलां री बास साजन म्हारो कालजो तो मैं साजन रो सांस साजन मैं तोरे थां की और बसूं वीराने वास
दैनिक रोचक विषयों पर में 20 वर्षों के अनुभव के साथ, मैं एक विशेषज्ञ के रूप में रोचक जानकारियों और टिप्स साझा करती हूँ, मेरे इस ब्लॉग पर। मेरे लेखों का उद्देश्य सामान्य जानकारियों को पाठकों तक पहुंचाना है। मैंने अपने करियर में कई विषयों पर गहन शोध और लेखन किया है, जिनमें जीवन शैली और सकारात्मक सोच के साथ वास्तु भी शामिल है....अधिक पढ़ें।