सतगुरु मेरा ऐसा रंग चढ़ाया
सतगुरु मेरा ऐसा रंग चढ़ाया
गुरासा ऐसा रंग चढ़ाया
जो न उतरे तीन काल में
दिन दिन होत सवाया
श्याम श्वेत पीला नहीं नील
अदभुत वर्ण बनाया
नेत्र नहीं पहचान सकत है
गुरु गम भेद लखाया
ह्रदय वस्त्र पर रंग भक्ति का,
लागत परम सुहाया
ज्ञान विज्ञान लहरिया कीन्हा
ओढ़ परम सुख पाया
छीपी छाप सके नहीं वैसा
ना रंगरेज रंगाया
कहन सुनन में आवत नाही
सतगुरु सैन बताया
चम्पानाथजी प्रेम के रंग में
रंग कत्था पहिनाया
सहज शून्य में लगी समाधी
बठे अमृतनाथजी सुहाया
Aisa Rang Chadhaya Gurasa || ऐसा रंग चढ़ाया गुरांसा || नाथजी भजन || Bau Dham
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