आए खेयेने बेहेस्तेर शेई रज्जब फ़कीर
आए खेयेने बेहेस्तेर शेई रज्जब फ़कीर भजन
( Poet Rajjab Faqir ) रज्जब फ़कीर हिंदी में
अल कुराने खबर एलो,
आशिका ने ईशारा,
आए खेयेने बेहेस्तेर शेई
शूरा बोन्तो हूरा,
अल कुराने खोबोर एलो,
आशिकाने इशारा,
बेहेस्ते जा होय ब्योबोहार
बेहेस्ते जा होय ब्योबोहार
शोमाजे ता होलो प्रोचार
बेहेस्ते जा होय ब्योबोहार
शोमाजे ता होलो प्रोचार
आपनी खुले ज़न्नतेर दार
आपनी खुले ज़न्नतेर दार
खांटी मोमिन होय ज़ारा
आए खेयेने बेहेस्तेर शेई
शूरा बोन्तो हूरा
(जन्नत के रस का जिसने स्वाद चखा है वह अब सभी के लिए है। जन्नत का द्वार खुला है और वहां पर पीये जाने वाले अमृत रस को आओ तुम भी चख लो। जन्नत के द्वार खुलते हैं, और सच्चे प्रेमी आओ और प्रेम रस के प्याले को पीओ। )
मोमिंदर खिदमोतेर तोरे
इश्केरो प्याला भोरे
अमृतो प्रेम शुधा भोरे
पान कोरे मतवारा
फ़ोकीर दर्बेश ओली
शाधू पान कोरे तार दुई एक बिन्दू
धैन कोरे शेई दीनोबोन्धू
छेड़े बिशोय बाशोना
रोज्जोब शेई नेशार झोंके
मुखे आबोल ताबोल बोके
ज्ञैन कोरे ना ज्ञैनी लोके पागोल
बोले ओज्ञैनीरा
(तुम इश्क करने वाले हो तुम खुद ही इश्क का प्याला भरो, इसका सेवन करके मतवाले हो जाओ। इस सामान्य लोक से अमृत पान करने पर वह पागल हो जाता है /सर्वोच्च रूप धारण कर लेता है। पागलों की इस दुनिया में प्रवेश करने के लिए तुम भी यह प्याला /अमृत रस पी लो।
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