भाई कोई सुणता है गुरु ग्यानी,
गगन में आवाज होव झीणा झीणा
भाई कोई सुणता है गुरु ग्यानी,
गगन में आवाज होव झीणा झीणा
अरे ओहम सोहम बाजा रे बाजे,
त्रिकुटी शब्द निशानी,
ओहम सोहम बाजा रे बाजे,
त्रिकुटी शब्द निशानी,
इंगला रे पिंगला सुखमन जोया,
इंगला रे पिंगला सुखमन जोया,
जोया रे जोया
स्वेत धजा रे फैरानी,
गगन में आवाज होव झीणा झीणा
कोई सुणता है गुरु ग्यानी,
गगन में आवाज होव झीणा झीणा
वहां से आया नांद बिन्द से
Kabir Bhajan Lyrics in Hindi,Prahlad Singh Tipaniya Bhajan Lyrics in Hindi
यहाँ जमावत पानी रे पानी
अरे तखत पूरन बोली रहा है,
अलख पुरुष निर्बानि,
गगन में आवाज होव झीणा झीणा
कोई सुणता है गुरु ग्यानी, गगन में आवाज होव झीणा झीणा
कोई सुणता है गुरु ग्यानी लिरिक्स Koi Sunta Hai Guru Gyani
Bhai Koi Sunata Hai Guru Gyaani, Gagan Mein Aavaaj Hov Jhina Jhina Bhai Koi Sunata Hai Guru Gyaani, Gagan Mein Aavaaj Hov Jhina Jhina Are Oham Soham Baaja Re Baaje, Trikuti Shabd Nishaani, Oham Soham Baaja Re Baaje, Trikuti Shabd Nishaani, Ingala Re Pingala Sukhaman Joya, Ingala Re Pingala Sukhaman Joya, Joya Re Joya Svet Dhaja Re Phairaani, Gagan Mein Aavaaj Hov Jhina Jhina Koi Sunata Hai Guru Gyaani, Gagan Mein Aavaaj Hov Jhina Jhina Vahaan Se Aaya Naand Bind Se Yahaan Jamaavat Paani Re Paani Are Takhat Puran Boli Raha Hai, Alakh Purush Nirbaani, Gagan Mein Aavaaj Hov Jhina Jhina
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