प्रह्लाद सिंह टिपानिया सकल हंस में राम बिराजे Sakal Hans Me Ram Biraje Prahlad Singh Tipaniya
सकल हंस में राम विराजे,
राम बिना कोई धाम नहीं,
राम बिना कोई धाम नहीं,
सब भरमंड में, ज्योत का वासा
राम को सुमिरो, दूजा नहीं
हर घट में है, ज्योत का वासा
राम को सुमिरो, दूजा नहीं
नाभी कमल से, परख लेना
ह्रदय कमल बीच, फिरे मणि
नाभी कमल से, परख लेना
ह्रदय कमल बीच, फिरे मणि
ह्रदय कमल बीच, फिरे मणि
अनहद बाजा बाजे, शहर में
ब्रह्मंड पर आवाज़ हुई,
अनहद बाजा बाजे, शहर में
ब्रह्मंड पर आवाज़ हुई
सकल हंस में राम विराजे
राम बिना कोई, धाम नहीं
राम बिना कोई, धाम नहीं
सब भरमंड में, ज्योत का वासा
राम को सुमिरो, दूजा नहीं
हर घट में है, ज्योत का वासा
राम को सुमिरो, दूजा नहीं
तीन गुण पर, तेज हमारा
पांच तत्व पर, ज्योत जले
तीन गुण पर, तेज हमारा
पांच तत्व पर, ज्योत जले
पांच तत्व पर, ज्योत जले
जिनका उजाला, चौदह लोक में
सूरत डोर आकाश चढ़े
जिनका उजाला चौदह, लोक में
सूरत डोर आकाश चढ़े
हीरा जो मोती, लाल जवाहरत
प्रेम पदारथ परखो यहीं,
हीरा जो मोती, लाल जवाहरत, प्
रेम पदारथ परखो यहीं
प्रेम पदारथ परखो यहीं
सांचा मोती, सुमर लेना
राम धणी से म्हारी, डोर लगी
सांचा मोती सुमर लेना
राम घणी से म्हारी, डोर लगी
सकल हंस में राम विराजे
राम बिना कोई धाम नहीं
राम बिना कोई धाम नहीं
सब भरमंड में, ज्योत का वासा
राम को सुमिरो, दूजा नहीं
हर घट में है, ज्योत का वासा
राम को सुमिरो, दूजा नहीं
गुरु जन होय तो, हेरी लो घट में
बाहर शहर में भटको मती
हरि जन होय तो, हेरी लो घट में
बाहर शहर में भटको मती
बाहर शहर में भटको मती
गुरु परताप नानक, साह के वरणे
भीतर बोले कोई, दूजो नहीं
गुरु परताप नानक, साह के वरणे
भीतर बोले कोई, दूजो नहीं
सकल हंस में राम विराजे
राम बिना कोई धाम नहीं
सब भरमंड में, ज्योत का वासा
राम को सुमिरो, दूजा नहीं
हर घट में है, ज्योत का वासा
राम को सुमिरो, दूजा नहीं
राम बिना कोई धाम नहीं,
राम बिना कोई धाम नहीं,
सब भरमंड में, ज्योत का वासा
राम को सुमिरो, दूजा नहीं
हर घट में है, ज्योत का वासा
राम को सुमिरो, दूजा नहीं
नाभी कमल से, परख लेना
ह्रदय कमल बीच, फिरे मणि
नाभी कमल से, परख लेना
ह्रदय कमल बीच, फिरे मणि
ह्रदय कमल बीच, फिरे मणि
अनहद बाजा बाजे, शहर में
ब्रह्मंड पर आवाज़ हुई,
अनहद बाजा बाजे, शहर में
ब्रह्मंड पर आवाज़ हुई
सकल हंस में राम विराजे
राम बिना कोई, धाम नहीं
राम बिना कोई, धाम नहीं
सब भरमंड में, ज्योत का वासा
राम को सुमिरो, दूजा नहीं
हर घट में है, ज्योत का वासा
राम को सुमिरो, दूजा नहीं
तीन गुण पर, तेज हमारा
पांच तत्व पर, ज्योत जले
तीन गुण पर, तेज हमारा
पांच तत्व पर, ज्योत जले
पांच तत्व पर, ज्योत जले
जिनका उजाला, चौदह लोक में
सूरत डोर आकाश चढ़े
जिनका उजाला चौदह, लोक में
सूरत डोर आकाश चढ़े
हीरा जो मोती, लाल जवाहरत
प्रेम पदारथ परखो यहीं,
हीरा जो मोती, लाल जवाहरत, प्
रेम पदारथ परखो यहीं
प्रेम पदारथ परखो यहीं
सांचा मोती, सुमर लेना
राम धणी से म्हारी, डोर लगी
सांचा मोती सुमर लेना
राम घणी से म्हारी, डोर लगी
सकल हंस में राम विराजे
राम बिना कोई धाम नहीं
राम बिना कोई धाम नहीं
सब भरमंड में, ज्योत का वासा
राम को सुमिरो, दूजा नहीं
हर घट में है, ज्योत का वासा
राम को सुमिरो, दूजा नहीं
गुरु जन होय तो, हेरी लो घट में
बाहर शहर में भटको मती
हरि जन होय तो, हेरी लो घट में
बाहर शहर में भटको मती
बाहर शहर में भटको मती
गुरु परताप नानक, साह के वरणे
भीतर बोले कोई, दूजो नहीं
गुरु परताप नानक, साह के वरणे
भीतर बोले कोई, दूजो नहीं
सकल हंस में राम विराजे
राम बिना कोई धाम नहीं
सब भरमंड में, ज्योत का वासा
राम को सुमिरो, दूजा नहीं
हर घट में है, ज्योत का वासा
राम को सुमिरो, दूजा नहीं
ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
ऐसे ही अन्य मधुर भजन देखें
पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।
सकल हंस में राम बिराजे || Sakal Hans Mein Ram Biraje || Prahlad Singh Tipaniya
vocals :- Prahlad Singh Tipanya
Violin :- Devnarayan Saroliya
Manjira :- Dharmendra Tipaniya
Dholak :- Ajay TipaniyaKhadtal :- Himanshu Tipaniya
vocals :- Prahlad Singh Tipanya
Violin :- Devnarayan Saroliya
Manjira :- Dharmendra Tipaniya
Dholak :- Ajay TipaniyaKhadtal :- Himanshu Tipaniya
आपको ये पोस्ट पसंद आ सकती हैं
- ज़रा हल्के गाड़ी हांको मेरे राम Jara Halake Gadi Hanko
- जावो नुगरी काया Jaao Nugari Kaaya Bhajan
- गुरु गम का सागर तमने लाख वंदन Guru Gam Ka Sagar Tamane Lakh Vandan
Author - Saroj Jangir
इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें। |