ॐ प्रां प्रीं प्रों स: शनैश्चराय नमः लिरिक्स हिंदी श्री शनि देव बीज मंत्र Shri Shani Dev Beej Mantra Aum Pran Preen Pron Se: Shaneshchraaye Namah
अधिकतर लोग शनि देव को बुरा मानते हैं क्योंकि शनि देव की कृदृष्टि से कार्य में बाधाएं आती हैं और बनते काम भी बिगड़ जाते हैं। श्री शनि देव की कृपा बड़े बड़े देवताओं को भी अपने कामों को निर्विघ्न पूर्ण करने के लिए आवश्यक है। आप भी यदि श्री शनि देव की कृपा पाना चाहते हैं तो 'श्री शनि देव ' का 'बीज मंत्र' का मंत्र पाठ करें। श्री शनि देव के मंत्र के जाप से सबंधित कुछ विशेष बातों को जानना आपके लिए हितकर होगा। सुबह प्रातः काल उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर कुश के आसन पर बैठ जाएं. सामने शनिदेव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें व उसकी पंचोपचार से विधिवत पूजन करें. श्री शनि की साधना करने के लिए आप शनिवार के दिन का चयन करे और इसे पूर्ण भी शनिवार के रोज ही करें। श्री शनि देव की साधना के लिए आप श्याम या नीले वर्ण की सामग्री को ही उपयोग में लेवे। लोहा, उड़द, सरसों तेल, काला वस्त्र, कुलची आदि इस हेतु बहुत लाभदायी होते हैं। मंत्र जप में शमी या रूद्राक्ष की माला का उपयोग करें।
नियमित रूप से शनिवार को व्रत करे, आचरण की शुद्धता को बनाए रखे और पीपल के वृक्ष के चारों और कच्चा सूत सात बार लपेटें, इससे शनि सबंधित सभी दोष दूर होंगे। व्रत रखने के दौरान आपशनि का कोई भी शनि मंत्र जाप करें। मंत्र बोलने के दौरान पीपल को धूप, दीप, फूल आदि से पूजन कर प्रणाम करें। आप अपने दिनचर्या के अनुरूप श्री शनि कथा और शनि स्त्रोत पाठ भी कर सकते हैं। प्रत्येक शनिवार को पीपल वृक्ष के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलायें और आप शुद्ध दूध, धूप आदि को भी अर्पित करें।
किसी योग्य पंडित से आपकी जन्मकुंडली बनवाये और जन्मकुंडली में शनि अनुकूल हो तो एवं नीच का वक्री या निर्बल न हो, ऐसे जातक पुण्य, अनुराधा, उ. भाद्रपद नक्षत्र शनिवार को चार कैरेट का नीलम, विधि अनुसार, मध्यमा उंगली में धारण करें। नीलम धारण करने के पश्चात अपने आचरण में पूर्ण में शुद्धता रखें। शुभ नक्षत्र युक्त शनिवार को 19 धय लंबा काला धागा, माला बनाकर धारण करना हितकर होता है। शनिवार को काले कपड़े में भीगे हुए काले चने, कच्चा कोयला, लोहे का टुकड़ा बांध कर तालाब या नदी में प्रवाहित करें शीघ्र लाभ मिलता है। ऐसा आप प्रत्येक शनिवार को एक वर्ष तक करें। शनिवार को बंदरों को काले चने, गुड़, केला खिलाएं और काले कुत्ते को तेल से चुपड़ी रोटी खिलाएं और साथ ही शनिवार को साबुत उड़द दाल, काले तिल, कंबल, जूता, कुलयी, लोहे की वस्तु काली भैंस (काला रंग) जो सुलभ हो दान करें।. आइए जानें, कैसे शनि देव को प्रसन्न किया जा सकता है.लाल चन्दन की माला को अभिमंत्रित कर पहनने से शनि के अशुभ प्रभाव कम हो जाते हैं. शनि दोष निवारण के लिए नित्य भगवान् शिव के पंचाक्षर मंत्र 'ॐ नमः शिवाय' का जप करें। शनि देव यदि प्रसन्न हो जायें तो जीवन में एक नई तरंग का आभास होगा।
ॐ प्रां प्रीं प्रों स: शनैश्चराय नमः
Aum Pran Preen Pron Se: Shaneshchraaye Namah
ॐ प्रां प्रीं प्रों स: शनैश्चराय नमः
Aum Pran Preen Pron Se: Shaneshchraaye Namah
ॐ प्रां प्रीं प्रों स: शनैश्चराय नमः
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ॐ प्रां प्रीं प्रों स: शनैश्चराय नमः
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ॐ प्रां प्रीं प्रों स: शनैश्चराय नमः
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ॐ प्रां प्रीं प्रों स: शनैश्चराय नमः
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ॐ प्रां प्रीं प्रों स: शनैश्चराय नमः
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ॐ प्रां प्रीं प्रों स: शनैश्चराय नमः
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ॐ प्रां प्रीं प्रों स: शनैश्चराय नमः
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ॐ प्रां प्रीं प्रों स: शनैश्चराय नमः
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ॐ प्रां प्रीं प्रों स: शनैश्चराय नमः
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ॐ प्रां प्रीं प्रों स: शनैश्चराय नमः
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ॐ प्रां प्रीं प्रों स: शनैश्चराय नमः
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ॐ प्रां प्रीं प्रों स: शनैश्चराय नमः
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ॐ प्रां प्रीं प्रों स: शनैश्चराय नमः
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ॐ प्रां प्रीं प्रों स: शनैश्चराय नमः
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ॐ प्रां प्रीं प्रों स: शनैश्चराय नमः
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ॐ प्रां प्रीं प्रों स: शनैश्चराय नमः
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ॐ प्रां प्रीं प्रों स: शनैश्चराय नमः
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ॐ प्रां प्रीं प्रों स: शनैश्चराय नमः
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ॐ प्रां प्रीं प्रों स: शनैश्चराय नमः
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ॐ प्रां प्रीं प्रों स: शनैश्चराय नमः
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ॐ प्रां प्रीं प्रों स: शनैश्चराय नमः
Aum Pran Preen Pron Se: Shaneshchraaye Namah
ॐ प्रां प्रीं प्रों सः शनैश्चराय नमः
शनिवार का दिन भगवान शनि देव जी का होता है। इस दिन भगवान शनि देव जी की पूजा की जाती है। शनि देव जी को न्याय का देवता माना जाता है। वे कर्मों के अनुसार फल देते हैं। शनि देव जी के उपाय करने से उनके आशीर्वाद प्राप्त होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।ॐ शं शनैश्चराय नमः
ॐ खां खीं खौं सः शनये नमः
नीलांजन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्।
छाया मार्तण्ड संम्भूतं तं नमामि शनैश्चरम्।।
कोणस्थः पिंगलों वभ्रूः कृष्णों रोद्रान्तकौ यम सौरि शनैश्चरो मन्द पिप्लादीन संस्तुतः।
एतामि दश नामाति प्रातः उत्थाय यः पकेृत शनैश्चरकृता पीड़ा न कदाचिद् भविष्यति।।
आपने जो उपाय बताए हैं, वे सभी शनि देव जी को प्रसन्न करने और उनके आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रभावी हैं। इन उपायों को नियमित रूप से करने से शनि देव जी प्रसन्न होते हैं और उनके द्वारा दिए जाने वाले कष्टों से मुक्ति मिलती है।
यहाँ इन उपायों के बारे में कुछ और जानकारी दी गई है:
माता-पिता का आदर करना: शनि देव जी को माता-पिता का आदर करने वाले व्यक्ति बहुत प्रिय होते हैं। माता-पिता का आदर करने से शनि देव जी की कृपा प्राप्त होती है।
नीलम या शमी की जड़ धारण करना: यदि आपके ऊपर शनि की ढैय्या या साढ़ेसाती चल रही है तो आपको नीलम या शमी की जड़ धारण करने से लाभ होगा। नीलम एक रत्न है जो शनि देव जी का प्रतिनिधित्व करता है। शमी का पेड़ भी शनि देव जी को समर्पित है।
शनि मंत्र का जप करना: शनि के दोष को दूर करने के लिए शनि मंत्र का जप करना एक प्रभावी उपाय है। शनि मंत्र है:
ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनिश्चराय नम:
शनि का दान करना: शनि देव जी को खुश करने के लिए आप उनका दान कर सकते हैं। शनि देव जी को लोहा, काला तिल, उड़द, कुलथी, कस्तूरी, काले कपड़े, काले जूते, चाय की पत्ती, आदि दान करना शुभ माना जाता है।
पीपल के पेड़ की पूजा करना: शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से शनि देव जी प्रसन्न होते हैं। पीपल के पेड़ को भगवान विष्णु का स्वरूप माना जाता है।
काले कुत्ते और काली गाय की सेवा करना: शनि देव जी को काले कुत्ते और काली गाय बहुत प्रिय हैं। काले कुत्ते और काली गाय की सेवा करने से शनि देव जी प्रसन्न होते हैं।
हनुमान जी की साधना करना: हनुमान जी शनि देव जी के मित्र हैं। हनुमान जी की साधना करने से शनि देव जी प्रसन्न होते हैं और उनके द्वारा दिए जाने वाले कष्टों से मुक्ति मिलती है। इन उपायों को करने से शनि देव जी प्रसन्न होते हैं और उनके आशीर्वाद से जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
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