तू का तू कबीर भजन Tu Ka Tu Kabir Bhajan

तू का तू कबीर भजन Tu Ka Tu Kabir Bhajan Kabir Bhajan

 
तू का तू लिरिक्स हिंदी Tu Ka Tu-Kabir Bhajan Lyrics Kabir Bhajan

इनका भेद बता मेरे अवधू
अच्छी करनी कर ले तू
डाली फूल जगत के माही
जहाँ देखा वहां तू का तू

हाथी में हाथी बन बैठो
चींटी में हैं छोटो तू
होय महावत ऊपर बैठे
हांकन वाला तू का तू

चोरों के संग चोरी करता
बदमाशों में भेड़ो तू
चोरी करके तू भग जावे
पकड़ने वाला तू का तू

दाता के संग दाता बन जावे
भिखारी में भेड़ों तू
मंग्तो होकर मांगन लागे
देने वाला तू का तू

नर नारी में एक विराजे
दो दुनिया में दिसे क्यूँ
बालक होकर रोवन लागे
रखन वाला तू का तू

जल थल जीव में तू ही विराजे
जहाँ देखूं वहां तू का तू
कहें कबीर सुनो भाई साधो
गुरु मिला हैं ज्यों का त्यों
 

 
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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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