हे दुःख भन्जन मारुती नंदन भजन

हे दुःख भन्जन मारुती नंदन

 
हे दुःख भन्जन मारुती नंदन लिरिक्स Hey Dukh Bhanjan Maruti Nandan Lyrics

हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,
सुन लो मेरी पुकार,
पवनसुत विनती बारम्बार,
पवनसुत विनती बारंबार।

अष्ट सिद्धि, नव निधि के दाता,
दुखिओं के तुम भाग्य विधाता,
सिया राम के काज सँवारे,
मेरा कर उद्धार,
पवनसुत विनती बारम्बार,
पवनसुत विनती बारंबार,
हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,
सुन लो मेरी पुकार,
पवनसुत विनती बारम्बार,
पवनसुत विनती बारंबार।

अपरम्पार है शक्ति तुम्हारी,
तुम पर रीझि अवध बिहारी,
भक्ति भाव से ध्याऊँ तोहे,
कर दुखों से पार,
पवनसुत विनती बारम्बार,
पवनसुत विनती बारंबार।
हे दुख भञ्जन, मारुती नंदन,
सुन लो मेरी पुकार,
पवनसुत विनती बारम्बार,
पवनसुत विनती बारंबार।

जपूँ निरंतर नाम तिहरा,
अब नहीं छोडूं तेरा द्वारा,
राम भक्त मोहे शरण में लीजै,
भव सागर से तार,
पवनसुत विनती बारम्बार,
पवनसुत विनती बारंबार।
हे दुख भञ्जन, मारुती नंदन,
सुन लो मेरी पुकार,
पवनसुत विनती बारम्बार,
पवनसुत विनती बारंबार।

हे दुःख भन्जन, मारुती नंदन,
सुन लो मेरी पुकार,
पवनसुत विनती बारम्बार,
पवनसुत विनती बारंबार।

 

'हे दुःख भंजन, मारुति नंदन' भजन में भक्त हनुमान जी से अपने कष्टों को दूर करने की प्रार्थना करते हैं। वे उन्हें 'अष्ट सिद्धि, नव निधि के दाता' और 'दुखियों के भाग्य विधाता' के रूप में स्मरण करते हैं, जो श्रीराम के कार्यों को सफलतापूर्वक संपन्न करते हैं। भक्त अपनी विनम्र प्रार्थना में हनुमान जी से अपने दुखों का नाश करने और भवसागर से पार लगाने की याचना करते हैं।

इस भजन के माध्यम से भक्त हनुमान जी की असीम शक्ति और करुणा का गुणगान करते हैं, जो अपने भक्तों की पुकार सुनकर उनके कष्टों का निवारण करते हैं। भजन में हनुमान जी की भक्ति, शक्ति और उनके प्रति श्रद्धा का सुंदर वर्णन किया गया है, जो भक्तों को आध्यात्मिक शांति और संबल प्रदान करता है।

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Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

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