म्हारे सर पर है मैया जी रो हाथ
म्हारे सर पर है मैया जी रो हाथ कोई तो म्हारो कई करसी
(मुखड़ा)
म्हारे सिर पर है मैया जी रो हाथ,
कोई तो म्हारो कई करसी।
म्हारे सिर पर है मैया जी रो हाथ,
कोई तो म्हारो कई करसी।।
(अंतरा 1)
जे कोई म्हारी मैया जी ने,
साँचे मन से ध्यावे,
काल कपाल भी मैया जी के,
भगता से घबरावे।
जे कोई पकड़्यो है,
मैया जी रो हाथ,
विको तो कोई काई करसी,
म्हारे सिर पर है मैया जी रो हाथ,
कोई तो म्हारो कई करसी।।
(अंतरा 2)
जो माँ पे बिस्वास करे वो,
खूंटी ताण के सोवे,
बैठे प्रवेश करे ना कोई,
बाल ना बाँको होवे।
जाके मन में नहीं है विस्वास,
बीको तो मैया कई करसी,
म्हारे सिर पर है मैया जी रो हाथ,
कोई तो म्हारो कई करसी।।
(अंतरा 3)
कलयुग माहि मैया म्हारी,
साँची नाम कमाई,
जद-जद भीड़ पड़ी भगता पर,
दौड़ी-दौड़ी आई।
या तो घट-घट की जाणे सारी बात,
कोई तो म्हारो कई करसी,
म्हारे सिर पर है मैया जी रो हाथ,
कोई तो म्हारो कई करसी।।
(अंतिम पुनरावृत्ति)
म्हारे सिर पर है मैया जी रो हाथ,
कोई तो म्हारो कई करसी।
म्हारे सिर पर है मैया जी रो हाथ,
कोई तो म्हारो कई करसी।।
म्हारे सिर पर है मैया जी रो हाथ,
कोई तो म्हारो कई करसी।
म्हारे सिर पर है मैया जी रो हाथ,
कोई तो म्हारो कई करसी।।
(अंतरा 1)
जे कोई म्हारी मैया जी ने,
साँचे मन से ध्यावे,
काल कपाल भी मैया जी के,
भगता से घबरावे।
जे कोई पकड़्यो है,
मैया जी रो हाथ,
विको तो कोई काई करसी,
म्हारे सिर पर है मैया जी रो हाथ,
कोई तो म्हारो कई करसी।।
(अंतरा 2)
जो माँ पे बिस्वास करे वो,
खूंटी ताण के सोवे,
बैठे प्रवेश करे ना कोई,
बाल ना बाँको होवे।
जाके मन में नहीं है विस्वास,
बीको तो मैया कई करसी,
म्हारे सिर पर है मैया जी रो हाथ,
कोई तो म्हारो कई करसी।।
(अंतरा 3)
कलयुग माहि मैया म्हारी,
साँची नाम कमाई,
जद-जद भीड़ पड़ी भगता पर,
दौड़ी-दौड़ी आई।
या तो घट-घट की जाणे सारी बात,
कोई तो म्हारो कई करसी,
म्हारे सिर पर है मैया जी रो हाथ,
कोई तो म्हारो कई करसी।।
(अंतिम पुनरावृत्ति)
म्हारे सिर पर है मैया जी रो हाथ,
कोई तो म्हारो कई करसी।
म्हारे सिर पर है मैया जी रो हाथ,
कोई तो म्हारो कई करसी।।
Mhare Sar Pe Hai Maiyaji Ro Hath || RaniSati Dadi Bhajan By Saurabh Madhukar