ऐ मेरे वतन के लोगों ज़रा आँख में भर लो पानी लिरिक्स हिंदी Aie Mere Watan Ke Logo Jara Aankh Me Bhar Lo Pani Lyrics Hindi कवि प्रदीप गीत लिरिक्स हिंदी
ऐ मेरे वतन के लोगों
तुम खूब लगा लो नारा
ये शुभ दिन है हम सब का
लहरा लो तिरंगा प्यारा
पर मत भूलो सीमा पर
वीरों ने है प्राण गँवाए
कुछ याद उन्हें भी कर लो
जो लौट के घर न आये
ऐ मेरे वतन के लोगों
ज़रा आँख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी
जब घायल हुआ हिमालय
खतरे में पड़ी आज़ादी
जब तक थी साँस लड़े वो
फिर अपनी लाश बिछा दी
संगीन पे धर कर माथा
सो गये अमर बलिदानी
जब देश में थी दीवाली
वो खेल रहे थे होली
जब हम बैठे थे घरों में
वो झेल रहे थे गोली
थे धन्य जवान वो अपने
थी धन्य वो उनकी जवानी
कोई सिख कोई जाट मराठा
कोई गुरखा कोई मदरासी
सरहद पर मरनेवाला
हर वीर था भारतवासी
जो खून गिरा पवर्अत पर
वो खून था हिंदुस्तानी
थी खून से लथ-पथ काया
फिर भी बन्दूक उठाके
दस-दस को एक ने मारा
फिर गिर गये होश गँवा के
जब अन्त-समय आया तो
कह गये के अब मरते हैं
खुश रहना देश के प्यारों
अब हम तो सफ़र करते हैं
क्या लोग थे वो दीवाने
क्या लोग थे वो अभिमानी
तुम भूल न जाओ उनको
इस लिये कही ये कहानी
तुम खूब लगा लो नारा
ये शुभ दिन है हम सब का
लहरा लो तिरंगा प्यारा
पर मत भूलो सीमा पर
वीरों ने है प्राण गँवाए
कुछ याद उन्हें भी कर लो
जो लौट के घर न आये
ऐ मेरे वतन के लोगों
ज़रा आँख में भर लो पानी
जो शहीद हुए हैं उनकी
ज़रा याद करो क़ुरबानी
जब घायल हुआ हिमालय
खतरे में पड़ी आज़ादी
जब तक थी साँस लड़े वो
फिर अपनी लाश बिछा दी
संगीन पे धर कर माथा
सो गये अमर बलिदानी
जब देश में थी दीवाली
वो खेल रहे थे होली
जब हम बैठे थे घरों में
वो झेल रहे थे गोली
थे धन्य जवान वो अपने
थी धन्य वो उनकी जवानी
कोई सिख कोई जाट मराठा
कोई गुरखा कोई मदरासी
सरहद पर मरनेवाला
हर वीर था भारतवासी
जो खून गिरा पवर्अत पर
वो खून था हिंदुस्तानी
थी खून से लथ-पथ काया
फिर भी बन्दूक उठाके
दस-दस को एक ने मारा
फिर गिर गये होश गँवा के
जब अन्त-समय आया तो
कह गये के अब मरते हैं
खुश रहना देश के प्यारों
अब हम तो सफ़र करते हैं
क्या लोग थे वो दीवाने
क्या लोग थे वो अभिमानी
तुम भूल न जाओ उनको
इस लिये कही ये कहानी
Ai Mere Vatan Ke Logon
Tum Khoob Laga Lo Naara
Ye Shubh Din Hai Ham Sab Ka
Lahara Lo Tiranga Pyaara
Par Mat Bhoolo Seema Par
Veeron Ne Hai Praan Ganvae
Kuchh Yaad Unhen Bhee Kar Lo
Jo Laut Ke Ghar Na Aaye
Ai Mere Vatan Ke Logon
Zara Aankh Mein Bhar Lo Paanee
Jo Shaheed Hue Hain Unakee
Zara Yaad Karo Qurabaanee
Jab Ghaayal Hua Himaalay
Khatare Mein Padee Aazaadee
Jab Tak Thee Saans Lade Vo
Phir Apanee Laash Bichha Dee
Sangeen Pe Dhar Kar Maatha
So Gaye Amar Balidaanee
Jab Desh Mein Thee Deevaalee
Vo Khel Rahe The Holee
Jab Ham Baithe The Gharon Mein
Vo Jhel Rahe The Golee
The Dhany Javaan Vo Apane
Thee Dhany Vo Unakee Javaanee
Koee Sikh Koee Jaat Maraatha
Koee Gurakha Koee Madaraasee
Sarahad Par Maranevaala
Har Veer Tha Bhaaratavaasee
Jo Khoon Gira Pavarat Par
Vo Khoon Tha Hindustaanee
Thee Khoon Se Lath-path Kaaya
Phir Bhee Bandook Uthaake
Das-das Ko Ek Ne Maara
Phir Gir Gaye Hosh Ganva Ke
Jab Ant-samay Aaya To
Kah Gaye Ke Ab Marate Hain
Khush Rahana Desh Ke Pyaaron
Ab Ham To Safar Karate Hain
Kya Log The Vo Deevaane
Kya Log The Vo Abhimaanee
Tum Bhool Na Jao Unako
Is Liye Kahee Ye Kahaanee
Tum Khoob Laga Lo Naara
Ye Shubh Din Hai Ham Sab Ka
Lahara Lo Tiranga Pyaara
Par Mat Bhoolo Seema Par
Veeron Ne Hai Praan Ganvae
Kuchh Yaad Unhen Bhee Kar Lo
Jo Laut Ke Ghar Na Aaye
Ai Mere Vatan Ke Logon
Zara Aankh Mein Bhar Lo Paanee
Jo Shaheed Hue Hain Unakee
Zara Yaad Karo Qurabaanee
Jab Ghaayal Hua Himaalay
Khatare Mein Padee Aazaadee
Jab Tak Thee Saans Lade Vo
Phir Apanee Laash Bichha Dee
Sangeen Pe Dhar Kar Maatha
So Gaye Amar Balidaanee
Jab Desh Mein Thee Deevaalee
Vo Khel Rahe The Holee
Jab Ham Baithe The Gharon Mein
Vo Jhel Rahe The Golee
The Dhany Javaan Vo Apane
Thee Dhany Vo Unakee Javaanee
Koee Sikh Koee Jaat Maraatha
Koee Gurakha Koee Madaraasee
Sarahad Par Maranevaala
Har Veer Tha Bhaaratavaasee
Jo Khoon Gira Pavarat Par
Vo Khoon Tha Hindustaanee
Thee Khoon Se Lath-path Kaaya
Phir Bhee Bandook Uthaake
Das-das Ko Ek Ne Maara
Phir Gir Gaye Hosh Ganva Ke
Jab Ant-samay Aaya To
Kah Gaye Ke Ab Marate Hain
Khush Rahana Desh Ke Pyaaron
Ab Ham To Safar Karate Hain
Kya Log The Vo Deevaane
Kya Log The Vo Abhimaanee
Tum Bhool Na Jao Unako
Is Liye Kahee Ye Kahaanee
ऐ मेरे वतन के लोगों Aye Mere Watan Ke Logo – Lata Mangeshkar
ऐ मेरे वतन के लोगों,
तुम खूब लगा लो नारा,
ये शुभ दिन हैं हम सब का,
लहरा लो तिरंगा प्यारा,
पर मत भूलो सीमा पर,
वीरों ने हैं प्राण गवाये,
कुछ याद उन्हें भी कर लो,
कुछ याद उन्हें भी कर लो,
जो लौट के घर ना आये,
जो लौट के घर ना आये।
ऐ मेरे वतन के लोगों,
ज़रा आँख में भर लो पानी,
जो शहीद हुये हैं उनकी,
ज़रा याद करो कुर्बानी,
ऐ मेरे वतन के लोगों,
ज़रा आँख में भर लो पानी,
जो शहीद हुये हैं उनकी,
ज़रा याद करो कुर्बानी।।
जब घायल हुआ हिमालय,
ख़तरे में पड़ी आज़ादी,
जब तक थी साँस लड़े वो,
जब तक थी साँस लड़े वो,
फिर अपनी जान बिछा दी,
संगीन पे धर कर माथा,
सो गये अमर बलिदानी,
जो शहीद हुये हैं उनकी,
ज़रा याद करो कुर्बानी।।
जब देश में थी दीवाली,
वो खेल रहे थे होली,
जब हम बैठे थे घरों में,
जब हम बैठे थे घरों में,
वो झेल रहे थे गोली,
थे धन्य जवान वो अपने,
थी धन्य वो उनकी जवानी
संगीन पे धर कर माथा,
सो गये अमर बलिदानी,
जो शहीद हुये हैं उनकी,
ज़रा याद करो कुर्बानी।।
कोई सिख कोई जाट मराठा,
कोई गुरखा कोई मद्रासी,
सरहद पर मरनेवाला,
सरहद पर मरनेवाला,
सरहद पर मरनेवाला,
हर वीर था भारत वासी,
जो खून गिरा पर्वत पर,
वो खून था हिंदुस्तानी,
जो शहीद हुये हैं उनकी,
ज़रा याद करो कुर्बानी।।
थी खून से लथपथ काया,
फिर भी बंदुक उठाके,
दस दस को एक ने मारा,
फिर गिर गये होश गँवा के,
जब अंत समय आया तो,
जब अंत समय आया तो,
कह गये के अब मरते हैं,
खुश रहना देश के प्यारों,
अब हम तो सफ़र करते हैं,
अब हम तो सफ़र करते हैं,
क्या लोग थे वो दीवाने,
क्या लोग थे वो अभिमानी,
जो शहीद हुये हैं उनकी,
ज़रा याद करो कुर्बानी।।
तुम भूल ना जाओ उनको,
इसलिए कही ये कहानी,
जो शहीद हुये हैं उनकी,
ज़रा याद करो कुर्बानी।।
जय हिंद, जय हिंद की सेना,
जय हिंद, जय हिंद की सेना।
तुम खूब लगा लो नारा,
ये शुभ दिन हैं हम सब का,
लहरा लो तिरंगा प्यारा,
पर मत भूलो सीमा पर,
वीरों ने हैं प्राण गवाये,
कुछ याद उन्हें भी कर लो,
कुछ याद उन्हें भी कर लो,
जो लौट के घर ना आये,
जो लौट के घर ना आये।
ऐ मेरे वतन के लोगों,
ज़रा आँख में भर लो पानी,
जो शहीद हुये हैं उनकी,
ज़रा याद करो कुर्बानी,
ऐ मेरे वतन के लोगों,
ज़रा आँख में भर लो पानी,
जो शहीद हुये हैं उनकी,
ज़रा याद करो कुर्बानी।।
जब घायल हुआ हिमालय,
ख़तरे में पड़ी आज़ादी,
जब तक थी साँस लड़े वो,
जब तक थी साँस लड़े वो,
फिर अपनी जान बिछा दी,
संगीन पे धर कर माथा,
सो गये अमर बलिदानी,
जो शहीद हुये हैं उनकी,
ज़रा याद करो कुर्बानी।।
जब देश में थी दीवाली,
वो खेल रहे थे होली,
जब हम बैठे थे घरों में,
जब हम बैठे थे घरों में,
वो झेल रहे थे गोली,
थे धन्य जवान वो अपने,
थी धन्य वो उनकी जवानी
संगीन पे धर कर माथा,
सो गये अमर बलिदानी,
जो शहीद हुये हैं उनकी,
ज़रा याद करो कुर्बानी।।
कोई सिख कोई जाट मराठा,
कोई गुरखा कोई मद्रासी,
सरहद पर मरनेवाला,
सरहद पर मरनेवाला,
सरहद पर मरनेवाला,
हर वीर था भारत वासी,
जो खून गिरा पर्वत पर,
वो खून था हिंदुस्तानी,
जो शहीद हुये हैं उनकी,
ज़रा याद करो कुर्बानी।।
थी खून से लथपथ काया,
फिर भी बंदुक उठाके,
दस दस को एक ने मारा,
फिर गिर गये होश गँवा के,
जब अंत समय आया तो,
जब अंत समय आया तो,
कह गये के अब मरते हैं,
खुश रहना देश के प्यारों,
अब हम तो सफ़र करते हैं,
अब हम तो सफ़र करते हैं,
क्या लोग थे वो दीवाने,
क्या लोग थे वो अभिमानी,
जो शहीद हुये हैं उनकी,
ज़रा याद करो कुर्बानी।।
तुम भूल ना जाओ उनको,
इसलिए कही ये कहानी,
जो शहीद हुये हैं उनकी,
ज़रा याद करो कुर्बानी।।
जय हिंद, जय हिंद की सेना,
जय हिंद, जय हिंद की सेना।
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