जब से मिला हूँ तुमसे कन्हैया

जब से मिला हूँ तुमसे कन्हैया भूल गया हूँ दुनियादारी

जब से मिला हूँ तुमसे कन्हैया, भूल गया हूँ दुनियादारी,
आँसू भी अच्छे लगते हैं, जब से हुई है तुझ संग यारी।।

देख ली सारी दुनिया, परख लिए दुनिया वाले,
कोई ना साथ आए, चाहे कोई कितना पुकारे।।
मेरा तो बस एक सहारा, तू ही है सांवरे,
बस तू ही है सांवरे,
तुझे लगी अब आस हमारी,
जब से हुई तेरे संग यारी।।

साथी ना कोई जग में, यार ना कोई माने,
तेरे सिवा सांवरे, भावना कोई ना जाने।।
जब से थाम हाथ तुम्हारा, जाना ये सांवरे,
मैंने जाना ये सांवरे,
मान गया हर बात तुम्हारी,
जब से लगी है तुझ संग यारी।।

सृष्टि के इस कलयुग में, है केवल नाम अधारा,
आज दिनेश दुजाना ने, तेरा नाम पुकारा।।
नाम ही नैया, नाम ही खेवैया, जान गया सांवरे,
मैं मान गया सांवरे,
स्मरण करती साँसे सारी,
जब से हुई है तुझ संग यारी।।

भक्त कहता है कि जब से वह कान्हा के चरणों में आया है, तब से संसार की मोह-माया से दूर हो गया है। उसे अब हर परिस्थिति में सुकून मिलता है, क्योंकि उसने कृष्ण को अपना सच्चा सहारा मान लिया है। संसार की नश्वरता को समझकर, वह अब केवल श्रीकृष्ण के नाम का स्मरण करता है।
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