टंगड़ी चोटी मुंडी फूटी, फिर भी भागते जाते हैं, सब दानव चिल्लाते हैं, दंड नका, दंड नका, दंड नका, दंड नका, रक्त बीज के रक्त के कतरे, जब खप्पर में आते हैं, जो गिरते हैं धरती पर वो,
दानव बन घबराते हैं, दंड नका, दंड नका, दंड नका, दंड नका,
चार चार हाथ से करती कमाल है, जो भी आया आगे उसका आया काल है, काल की हुंकार से पहाड़ उड़ते जाए, चाट चाट दानव को जा खाय, लाल लाल आँखों में माँ की, ज्वाला की नदी बहती है, रुख जिस और भी माँ करती है, वही दिशा यही कहती है,
Durga Mata Bhajan Lyrics Hindi
दंड नका, दंड नका, दंड नका, दंड नका,
काले काले केश रक्त से सने, काल के भी काल जाल है सने, तीनों देवताओं की भी कापती छाती, आता है वहाँ भूचाला, कदम जहां माँ रखती है, थर थर थर धरती काँपे, खून सी बहती है, दंड नका, दंड नका, दंड नका, दंड नका,
भोले ने भक्ति का ऐसा भाव जगाया, बैठ के रस्ते में माँ को शांत कराया, ममतामयी माँ ने अपनी ममता दिखाई, युद्ध के रस्ते से पाँव अपना हटाई, भक्तों को माँ लगती प्यारी, कितनी सुंदर दिखती है, पापी मानो बोले, क्रोध से बोले, दंड नका, दंड नका, दंड नका, दंड नका, रक्त बीज के रक्त के कतरे, जब खप्पर में आते हैं, जो गिरते हैं धरती पर वो, दानव बन घबराते हैं, दंड नका, दंड नका, दंड नका, दंड नका,