गजरा गिर गया जमुना जल में भजन
गजरा गिर गया जमुना जल में भजन
जमुना के तट पर मारी नजरियाँ ,
ऐसी साँवरियाँ ने,
घायल हो गई पल में के गजरा,
गिर गया जमुना जल में,
जमुना के तट पर मारी नजरियाँ ,
ऐसी साँवरियाँ ने,
जमुना के तट पर मारी नजरियाँ ,
ऐसी साँवरियाँ ने,
के गजरा, गिर गया जमुना जल में,
गजरा गिर गया जमुना जल में,
लेने गगरिया गई थी बजरियां,
लेने गगरिया गई थी बजरियां,
बजरियां में मिल गया वो बांके साँवरियाँ,
बजरियां में मिल गया वो बांके साँवरियाँ,
गगरी मेरी छीन के उसने, बईयाँ मरोड़ी,
गगरी मेरी छीन के उसने, बईयाँ मरोड़ी,
बईयाँ यूँ मरोड़ी के पूछे क्या, मरजी है तेरी,
बईयाँ यूँ मरोड़ी के पूछे क्या, मरजी है तेरी,
फिर ऐसे मैं शरमाई,
निकला वो तो हरजाई,
चली गई इक पल में,
के गजरा गिर गया जमुना जल में,
गजरा गिर गया जमुना जल में,
जमुना के तट पर मारी नजरियाँ ,
ऐसी साँवरियाँ ने,
घायल हो गई पल में के गजरा,
गिर गया जमुना जल में,
प्रीत में उसके ऎसी खोई,
ना मैं जागी ना मैं सोई,
प्रीत में उसके ऎसी खोई,
ना मैं जागी ना मैं सोई,
मेरा आँचल पायल का जल,
तीनों कर गया घायल,
थर थर काँपे मेरी काया,
डोल रह मेरा मन,
मेरा आँचल पायल का जल,
तीनों कर गया घायल,
थर थर काँपे मेरी काया,
डोल रह मेरा मन,
फिर कांटे कटे न वो रैना,
बैरी छीन के लै गयो चैना,
छली गई इक पल में,
के गजरा गिर गया जमुना जल में,
जमुना के तट पर मारी नजरियाँ ,
ऐसी साँवरियाँ ने,
घायल हो गई पल में के गजरा,
गिर गया जमुना जल में,
ऐसी साँवरियाँ ने,
घायल हो गई पल में के गजरा,
गिर गया जमुना जल में,
जमुना के तट पर मारी नजरियाँ ,
ऐसी साँवरियाँ ने,
जमुना के तट पर मारी नजरियाँ ,
ऐसी साँवरियाँ ने,
के गजरा, गिर गया जमुना जल में,
गजरा गिर गया जमुना जल में,
लेने गगरिया गई थी बजरियां,
लेने गगरिया गई थी बजरियां,
बजरियां में मिल गया वो बांके साँवरियाँ,
बजरियां में मिल गया वो बांके साँवरियाँ,
गगरी मेरी छीन के उसने, बईयाँ मरोड़ी,
गगरी मेरी छीन के उसने, बईयाँ मरोड़ी,
बईयाँ यूँ मरोड़ी के पूछे क्या, मरजी है तेरी,
बईयाँ यूँ मरोड़ी के पूछे क्या, मरजी है तेरी,
फिर ऐसे मैं शरमाई,
निकला वो तो हरजाई,
चली गई इक पल में,
के गजरा गिर गया जमुना जल में,
गजरा गिर गया जमुना जल में,
जमुना के तट पर मारी नजरियाँ ,
ऐसी साँवरियाँ ने,
घायल हो गई पल में के गजरा,
गिर गया जमुना जल में,
प्रीत में उसके ऎसी खोई,
ना मैं जागी ना मैं सोई,
प्रीत में उसके ऎसी खोई,
ना मैं जागी ना मैं सोई,
मेरा आँचल पायल का जल,
तीनों कर गया घायल,
थर थर काँपे मेरी काया,
डोल रह मेरा मन,
मेरा आँचल पायल का जल,
तीनों कर गया घायल,
थर थर काँपे मेरी काया,
डोल रह मेरा मन,
फिर कांटे कटे न वो रैना,
बैरी छीन के लै गयो चैना,
छली गई इक पल में,
के गजरा गिर गया जमुना जल में,
जमुना के तट पर मारी नजरियाँ ,
ऐसी साँवरियाँ ने,
घायल हो गई पल में के गजरा,
गिर गया जमुना जल में,
|
Author - Saroj Jangir
इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें। |
