कबीर भजन हरि रूठे गुरु मेल दे, और गुरु रूठे नहीं ठोर
और बेकार वो नर कूर है, जो गुरु को समझे और
गुरु गोविन्द दोनों खड़े, और किन के लागूं पाँव
बलिहारी गुरुदेव की, जो गोविन्द दियो बताये
गुरूजी ने दियो अमर नाम
गुरु तो सरखा कोई नहीं
अलख भरया है भण्डार
कमी जा में है नहीं
नाम सरीखो यो दान
मती दो अजान ने
घुघु देखे तारा हंदी ज्योत
कई जाने भानु है
गुरूजी ने दियो
खर्चे खूट्या से नाहीं
जलाया से ना जले
वांचो वेद पुरान
नाम गुरु बिना ना मिले
गुरूजी ने दियो
उग्या जल थल भानु
चंदा तो तारा छिपी गया
जप तप योग अनेक
नाम तले दबी गया
गुरूजी ने दियो
चितवन चिंता ले मेटो
रटो हरि नाम ने
तेरे घट भीतर साहिब कबीर
चलो निज धाम ने
गुरूजी ने दियो
और बेकार वो नर कूर है, जो गुरु को समझे और
गुरु गोविन्द दोनों खड़े, और किन के लागूं पाँव
बलिहारी गुरुदेव की, जो गोविन्द दियो बताये
गुरूजी ने दियो अमर नाम
गुरु तो सरखा कोई नहीं
अलख भरया है भण्डार
कमी जा में है नहीं
नाम सरीखो यो दान
मती दो अजान ने
घुघु देखे तारा हंदी ज्योत
कई जाने भानु है
गुरूजी ने दियो
खर्चे खूट्या से नाहीं
जलाया से ना जले
वांचो वेद पुरान
नाम गुरु बिना ना मिले
गुरूजी ने दियो
उग्या जल थल भानु
चंदा तो तारा छिपी गया
जप तप योग अनेक
नाम तले दबी गया
गुरूजी ने दियो
चितवन चिंता ले मेटो
रटो हरि नाम ने
तेरे घट भीतर साहिब कबीर
चलो निज धाम ने
गुरूजी ने दियो
Hari roothhe guru mel de, aur guru roothhe nahin thhor
Aur bekaar vo nar koor hai, jo guru ko samjhe aur
Guru Govind donon khade, aur kin ke laagun paanv
Balihaari gurudev ki, jo Govind diyo bataaye
Guruji ne diyo amar naam
Guru to sarkha koi nahin
Alakh bharya hai bhandaar
Kami ja mein hai nahin
Naam sareekho yo daan
Mati do ajaan ne
Ghughu dekhe taara handi jyot
Kai jaane bhaanu hai
Guruji ne diyo.
Kharche khootya se naahin
Jalaaya se na jale
Vaancho ved puraan
Naam guru bina na mile
Guruji ne diyo
Ugya jal thal bhaanu
Chanda to taara chhipi gaya
Jap tap yog anek
Naam tale dabi gaya
Guruji ne diyo
Chitvan chinta le meto
Rato Hari naam ne
Tere ghat bheetar saahib Kabir
Chalo nij dhaam ne
Guruji ne diyo