जनम तेरा बातों ही बीत गयो भजन

जनम तेरा बातों ही बीत गयो रे तुने कबहू ना कृष्ण कहो भजन

 
जनम तेरा बातों ही बीत गयो रे तुने कबहू ना कृष्ण कहो Janam Tera Bato Hi Beet Gayo Lyrics

जनम तेरा बातों ही बीत गयो, 
रे तुने कबहू ना कृष्ण कहो |
पाँच बरस को भोलो बालो, अब तो बीस भयो |
मकर पचीसी माया के कारण , देश विदेश गयो ||
जनम तेरा बातों ही बीत गयो, 
रे तुने कबहू ना कृष्ण कहो |

तीस बरस की अब मति उपजी, लोभ बढ़े नित नयो |
माया जोड़ी लाख करोड़ी, अजहू न तृप्त भयो ||
जनम तेरा बातों ही बीत गयो, 
रे तुने कबहू ना कृष्ण कहो |

वृद्ध भयो तब आलस उपज्यो, कफ नित कंठ नयो |
साधू संगति कबहू न किन्ही, बिरथा जनम गयो ||
जनम तेरा बातों ही बीत गयो, 
रे तुने कबहू ना कृष्ण कहो |

यो जग सब मतलब को लोभी, झूठो ठाठ ठयो |
कहत कबीर समझ मन मूरख, तूं क्यूँ भूल गयो ||
जनम तेरा बातों ही बीत गयो, 
रे तुने कबहू ना कृष्ण कहो |


 
श्री कृष्ण जी के मधुर भजन जिसे सुनकर आपका मन प्रसन्न हो जायेगा | Kamlesh Upadhyay (Haripuri)


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