मन रे परसि हरि के चरण भजन लिरिक्स Man Re Parsi Hari Ke Charan Bhajan Lyrics

मन रे परसि हरि के चरण भजन लिरिक्स Man Re Parsi Hari Ke Charan Bhajan Lyrics Krishna Bhajan Lyrics

 
मन रे परसि हरि के चरण भजन लिरिक्स Man Re Parsi Hari Ke Charan Bhajan Lyrics Krishna Bhajan Lyrics

मन रे परसि हरि के चरण,
सुभग सीतल कंवल कोमलत्रिविध ज्वाला हरण,
जिण चरण प्रहलाद परसे इंद्र पदवी धरण,

जिण चरण ध्रुव अटल कीन्हे राख अपनी सरण,
जिण चरण ब्रह्मांड भेटयो नखसिखां सिर धरण,

जिण चरण प्रभु परसि लीने तेरी गोतम घरण,
जिण चरण कालीनाग नाथ्यो गोप लीला-करण,

जिण चरण गोबरधन धार।ह्यो गर्व मघवा हरण,
दासि मीरा लाल गिरधर अगम तारण तरण,
 


श्री विष्णु जी के इस भजन को सुनने से घर में धन सुख समृद्धि का सदा वास बना रहता है
man re paras hari ke charan. (ter)
subhag shital kamal, trividh jvala haran.
je charan prahalad parase, indr padavi dharan
jin charan dhruv atal kine, rakhi apani sharan.
jin charan brahmand bhetyo, nakh shikhau shri bharan
jin charan prabhu parasi line, tari gotam dharan.
jin charan kali hi nathyo, gop lila karan
jin charan dharyo govardhan, garab maghava haran.
dasi miraan lal giradhar, agam taran taran
मन रे परसि हरि के चरण ।। टेक ।।
सुभग सीतल कँवल कोमल, त्रिविध ज्‍वाला हरण ।
जिण चरण प्रहलाद परसे, इंद्र पदवी धरण ।
जिण चरण ध्रुव अटल कीने, राखि अपनी सरण ।
जिण चरण ब्रह्मांड भेटयो, नखसिखाँ सिरी धरण ।
जिण चरण प्रभु परसि लीने, तरी गोतम धरण ।
जिण, चरण कालीनाग नाथ्‍यो, गोपलीला करण ।
जिण चरण गोबरधन धार्यो, इन्‍द्र को ग्रब हरण ।
दासि मीराँ लाल गिरधर, अगम तारण तरण,

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