महाकाल के दरबार में सब लोगों का खाता, जिसने जैसा कर्म किया है वह वैसा फल पाता, महाकाल के दरबार में सब लोगों का खाता।
क्या साधु क्या संत गृहस्थी क्या राजा क्या रानी, शिव की बही में लिखी हुई है सबकी कर्म कहानी,
बड़े-बड़े वह जमा खर्च का सही हिसाब लगता, महाकाल के दरबार में सब लोगों का खाता।
नहीं चले उसके घर रिश्वत नहीं चले चालाकी, शिव की अपनी लेनदेन की रीत बड़ी है बाकी, पुण्य की नैया पार करे वो पाप की नाव डूबाता,
Shiv Bhajan Lyrics in Hindi
महाकाल के दरबार में सब लोगों का खाता।
करता वही हिसाब सभी का शिव आसन पर डटके, उनका फैसला कभी ना बदले लाख कोई सर पटके, समझदार तो चुप रहता है मूर्ख शोर मचाता, महाकाल के दरबार में सब लोगों का खाता।
महाकाल के दरबार में सब लोगों का खाता, जिसने जैसा कर्म किया है वह वैसा फल पाता, महाकाल के दरबार में सब लोगों का खाता। महाकाल भगवान शिव का वह रूप है जो काल पर भी नियंत्रण रखते हैं। वे सृष्टि, पालन और संहार के स्वामी हैं। उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग उनकी महिमा का प्रतीक है। वे भय और कष्टों से मुक्ति दिलाने वाले देवता हैं। उनकी भक्ति से जीवन में शांति और शक्ति प्राप्त होती है। जय महाकाल।
महाँकाल के दरबार मे सब लोगो का खाता | Shivratri | Bittu maharaj | shiv bhajan | mahakal bhajan
Singer : Bittu Maharaj Lyrics : Traditional Composer : Bittu Maharaj Music : Dipesh jain, sanjay gohar