निरंजन माला घट में फिरे दिन रात भजन

निरंजन माला घट में फिरे दिन रात भजन


 
निरंजन माला घट में फिरे दिन रात Niranjan Mala Ghat Me Phire Din Rat Lyrics

निरंजन माला घट में फिरे दिन रात। टेक।
ऊपर आवे नीचे जावे श्वास श्वास चल जात
संसारी नर समझे नाही विरथा उमर विहात ।१।
सोहं मंत्र जपे नित प्राणी बिन जिव्हा बिन दाँत
अष्टपहर में सोवत जागत कबहुँ न पलक रुकात ।२।
हंसा सोहं सोहं हंसा बार बार उल्टात
सतगुरु पूरा भेद बतावे निश्छल मन ठहरात ।३।
जो योगीजन ध्यान लगावें बैठ सदा परभात
बृह्मानंद मोक्षपद पावें फेर जन्म नही आत ।४।
निरंजन माला घट में फिरे दिन रात
निरंजन माला घट में फिरे दिन रात
निरंजन माला घट में फिरे दिन रात

ऊपर आवे नीचे जावे श्वास श्वास चल जात
ऊपर आवे नीचे जावे श्वास श्वास चल जात
संसारी नर समझे नाही विरथा उमर विहात
संसारी नर समझे नाही विरथा उमर विहात
निरंजन माला घट में फिरे दिन रात
निरंजन माला घट में फिरे दिन रात
निरंजन माला घट में फिरे दिन रात

सोहं मंत्र जपे नित प्राणी बिन जिव्हा बिन दाँत
सोहं मंत्र जपे नित प्राणी बिन जिव्हा बिन दाँत
सोहं मंत्र जपे नित प्राणी बिन जिव्हा बिन दाँत
अष्टपहर में सोवत जागत कबहुँ न पलक रुकात
अष्टपहर में सोवत जागत कबहुँ न पलक रुकात
अष्टपहर में सोवत जागत कबहुँ न पलक रुकात
निरंजन माला घट में फिरे दिन रात
निरंजन माला घट में फिरे दिन रात
निरंजन माला घट में फिरे दिन रात

हंसा सोहं सोहं हंसा बार बार उल्टात
हंसा सोहं सोहं हंसा बार बार उल्टात
हंसा सोहं सोहं हंसा बार बार उल्टात
तगुरु पूरा भेद बतावे निश्छल मन ठहरात
सतगुरु पूरा भेद बतावे निश्छल मन ठहरात
सतगुरु पूरा भेद बतावे निश्छल मन ठहरात
निरंजन माला घट में फिरे दिन रात
निरंजन माला घट में फिरे दिन रात
निरंजन माला घट में फिरे दिन रात

जो योगीजन ध्यान लगावें बैठ सदा परभात
जो योगीजन ध्यान लगावें बैठ सदा परभात
जो योगीजन ध्यान लगावें बैठ सदा परभात
बृह्मानंद मोक्षपद पावें फेर जन्म नही आत
बृह्मानंद मोक्षपद पावें फेर जन्म नही आत
बृह्मानंद मोक्षपद पावें फेर जन्म नही आत
निरंजन माला घट में फिरे दिन रात
निरंजन माला घट में फिरे दिन रात
निरंजन माला घट में फिरे दिन रात


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