मैया मनाये ना मानी नारियल खो रिसानी
मैया मनाये ना मानी नारियल खो रिसानी
(मुखड़ा)
मैया मनाए न मानी,
नारियल खो रिसानी।।
(अंतरा)
पान, सुपारी, लौंग लाए,
पर वो तो ज़िद ठानी,
नारियल खो रिसानी।।
चंपा, चमेली की माला लाए,
देख के न हरसानी,
नारियल खो रिसानी।।
खीर, बताशा, हलुआ, पूरी,
खाए न मात भवानी,
नारियल खो रिसानी।।
‘राजेंद्र’ भेंट नारियल लाए,
देख के माँ मुस्कानी,
नारियल खो रिसानी।।
(अंतिम पुनरावृत्ति)
मैया मनाए न मानी,
नारियल खो रिसानी।।
मैया मनाए न मानी,
नारियल खो रिसानी।।
(अंतरा)
पान, सुपारी, लौंग लाए,
पर वो तो ज़िद ठानी,
नारियल खो रिसानी।।
चंपा, चमेली की माला लाए,
देख के न हरसानी,
नारियल खो रिसानी।।
खीर, बताशा, हलुआ, पूरी,
खाए न मात भवानी,
नारियल खो रिसानी।।
‘राजेंद्र’ भेंट नारियल लाए,
देख के माँ मुस्कानी,
नारियल खो रिसानी।।
(अंतिम पुनरावृत्ति)
मैया मनाए न मानी,
नारियल खो रिसानी।।
मैया मनाये न मानी,नारियल खों रिसानी।--दुर्गा गीत,देवी भजन,भजन चलस,नवरात्रे,भगत, दुर्गा जस, इस भजन में भक्त माँ को प्रसन्न करने के लिए विभिन्न भोग अर्पित करता है, लेकिन माँ अपनी ज़िद पर अड़ी रहती हैं। नारियल चढ़ाने पर ही माँ मुस्कराती हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि सच्ची श्रद्धा और समर्पण से ही देवी को प्रसन्न किया जा सकता है।
स्वर-राजेंद्र प्रसाद सोनी
गीतकार -राजेन्द्र प्रसाद सोनी
संगीतकार-राजेन्द्र प्रसाद सोनी