राघव ललन तेरे कोमल चरण

राघव ललन तेरे कोमल चरण

 
राघव ललन तेरे कोमल चरण  Raghav Lalan Tere Komal Charan Lyrics

राघव ललन तेरे कोमल चरण , कहीं कंकड़िया गढ़ी नहि जाय ।
राघव ललन तेरे कोमल चरण , कहीं कंकड़िया गढ़ी नहि जाय ।
नवरा जीव चरण अरुणाय , खेलन बिनु पग परे अकुलाय ।
नीरज नयन मोद मंगल अयन , लाल तेरी मैं ले लूँ बलाय ।
राघव ललन तेरे कोमल चरण , कहीं कंकड़िया गढ़ी नहि जाय ।
रवि कर उदित सीस नहि छाही , बदन निरखि सर सिज संकुचाय ।
सूरज किरण पड़े अधरन जले , क्यों मुखड़ा नही कुम्हलाय |
राघव ललन तेरे कोमल चरण , कंकड़िया कहीं गढ़ी नहि जाय ।
लालन यंही आंगन मिल खेलो, अल बल वचन तोतरे बोलो ।
चितवन चपल चाल मंजुल मचल , देख सुषमा सरस तरसाय |
राघव ललन तेरे कोमल चरण , कहीं कंकड़िया गढ़ी नहि जाय ।
खेलन को अब दुरी न जाओ, ठुमक ठुमक पठ नाच दिखाओ |
सुन्दर सुवन दिन बरसे सुमन आज, कौसल्या बलि बलि जाय ।
राघव ललन तेरे कोमल चरण , कहीं कंकड़िया गढ़ी नहि जाय ।
(पूज्य संत श्री रामभद्राचार्य जी विरचित )



राघव ललन तेरे कोमल चरन कहीं पंखुड़ियाँ गड़ नहिं जाये! सुपरहिट राम भजन ! Devendra Pathak Ji Maharaj


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