बुलावो जो तुम प्रभु को प्रेम से बुलाना भजन
बुलावो जो तुम प्रभु को प्रेम से बुलाना भजन
बुलावो जो तुम प्रभु को, प्रेम से बुलाना,
प्रेम से बुलाना,
प्रेमियों के घर में रहता, इनका आना जाना,
बुलावो जो तुम प्रभु को, प्रेम से बुलाना,
प्रेम से बुलाना,
प्रेमियों के घर में रहता, इनका आना जाना,
बुलावो जो तुम प्रभु को,
पासे में दुनियाँ धन्य, जब पांडव को हराया था,
और भरी सभा में द्रोपदी का जब चीर उतारा था,
प्रेम की आवाज सुन के
चीर को बढ़ाया, चीर को बढ़ाया,
प्रेमियों के घर में रहता, इनका आना जाना,
बुलावो जो तुम प्रभु को, प्रेम से बुलाना,
प्रेम से बुलाना,
प्रेमियों के घर में रहता, इनका आना जाना,
सबरी ने बड़े ही प्रेम से जब उन्हें घर में बुलाया था,
खाटे ना निकले बेर, स्वंय उन्हें चख के खिलाया था,
जूठे ना बेर वो था, प्रेम का नजारा, प्रेम का नजारा,
प्रेमियों के घर में रहता, इनका आना जाना,
बुलावो जो तुम प्रभु को, प्रेम से बुलाना,
प्रेम से बुलाना,
प्रेमियों के घर में रहता, इनका आना जाना,
नानी बाई ने प्रेम भरे जब, आंसूं ढुलकाये,
बहना को रोते देख, मेरे गिरधर ना रह पाए,
नानी बाई ने प्रेम भरे जब, आंसूं ढुलकाये,
बहना को रोते देख, मेरे गिरधर ना रह पाए,
चुनड़ी ओढ़ाए देखो, जग का पालनहारा,
जग का पालन हारा,
प्रेमियों के घर में रहता, इनका आना जाना,
बुलावो जो तुम प्रभु को, प्रेम से बुलाना,
प्रेम से बुलाना,
प्रेमियों के घर में रहता, इनका आना जाना,
ये प्रेम पुजारी है ये बस प्रेमी को ढूंढता है,
जब मिल जाता है प्रेम, मेरा नटवर ना रुकता है,
ये प्रेम पुजारी है ये बस प्रेमी को ढूंढता है,
जब मिल जाता है प्रेम, मेरा नटवर ना रुकता है,
शुभम रूपम का कहना, भूल ना जाना,
भूल ना जाना,
प्रेमियों के घर में रहता, इनका आना जाना,
बुलावो जो तुम प्रभु को, प्रेम से बुलाना,
प्रेम से बुलाना,
प्रेमियों के घर में रहता, इनका आना जाना,
बुलावो जो तुम प्रभु को, प्रेम से बुलाना,
प्रेम से बुलाना,
प्रेमियों के घर में रहता, इनका आना जाना,
बुलावो जो तुम प्रभु को, प्रेम से बुलाना,
प्रेम से बुलाना,
प्रेमियों के घर में रहता, इनका आना जाना,
बुलावो जो तुम प्रभु को,
प्रेम से बुलाना,
प्रेमियों के घर में रहता, इनका आना जाना,
बुलावो जो तुम प्रभु को, प्रेम से बुलाना,
प्रेम से बुलाना,
प्रेमियों के घर में रहता, इनका आना जाना,
बुलावो जो तुम प्रभु को,
पासे में दुनियाँ धन्य, जब पांडव को हराया था,
और भरी सभा में द्रोपदी का जब चीर उतारा था,
प्रेम की आवाज सुन के
चीर को बढ़ाया, चीर को बढ़ाया,
प्रेमियों के घर में रहता, इनका आना जाना,
बुलावो जो तुम प्रभु को, प्रेम से बुलाना,
प्रेम से बुलाना,
प्रेमियों के घर में रहता, इनका आना जाना,
सबरी ने बड़े ही प्रेम से जब उन्हें घर में बुलाया था,
खाटे ना निकले बेर, स्वंय उन्हें चख के खिलाया था,
जूठे ना बेर वो था, प्रेम का नजारा, प्रेम का नजारा,
प्रेमियों के घर में रहता, इनका आना जाना,
बुलावो जो तुम प्रभु को, प्रेम से बुलाना,
प्रेम से बुलाना,
प्रेमियों के घर में रहता, इनका आना जाना,
नानी बाई ने प्रेम भरे जब, आंसूं ढुलकाये,
बहना को रोते देख, मेरे गिरधर ना रह पाए,
नानी बाई ने प्रेम भरे जब, आंसूं ढुलकाये,
बहना को रोते देख, मेरे गिरधर ना रह पाए,
चुनड़ी ओढ़ाए देखो, जग का पालनहारा,
जग का पालन हारा,
प्रेमियों के घर में रहता, इनका आना जाना,
बुलावो जो तुम प्रभु को, प्रेम से बुलाना,
प्रेम से बुलाना,
प्रेमियों के घर में रहता, इनका आना जाना,
ये प्रेम पुजारी है ये बस प्रेमी को ढूंढता है,
जब मिल जाता है प्रेम, मेरा नटवर ना रुकता है,
ये प्रेम पुजारी है ये बस प्रेमी को ढूंढता है,
जब मिल जाता है प्रेम, मेरा नटवर ना रुकता है,
शुभम रूपम का कहना, भूल ना जाना,
भूल ना जाना,
प्रेमियों के घर में रहता, इनका आना जाना,
बुलावो जो तुम प्रभु को, प्रेम से बुलाना,
प्रेम से बुलाना,
प्रेमियों के घर में रहता, इनका आना जाना,
बुलावो जो तुम प्रभु को, प्रेम से बुलाना,
प्रेम से बुलाना,
प्रेमियों के घर में रहता, इनका आना जाना,
बुलावो जो तुम प्रभु को, प्रेम से बुलाना,
प्रेम से बुलाना,
प्रेमियों के घर में रहता, इनका आना जाना,
बुलावो जो तुम प्रभु को,
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Author - Saroj Jangir
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