तेरे दरबार को नही छोड़ना माता भजन

मैहर की माँ शारदे तेरा भजन करता हूँ भजन

(मुखड़ा)
तेरे दरबार को नहीं छोड़ना,
चाहे तेरे पीछे जग पड़े छोड़ना।।

(अंतरा)
माँग में, माँ, की शबनम ने मोती जड़े,
और नज़ारों ने मेंहदी लगाई,
तेरे दर्शन को आया हूँ मैं, भोली माँ,
ऐसी मन ये लगन लगाई,
लगन लगाई,
तुझसे जोड़कर ये नाता नहीं तोड़ना,
तेरे दरबार को नहीं छोड़ना,
चाहे तेरे पीछे जग पड़े छोड़ना।।

माँ, तू ममतामयी है, तू करुणामयी,
ऐसी ममता तू हम पर लुटा दे,
तेरे आँचल की छाँव में रख लो मुझे,
ऐसी करुणा तू हम पर लुटा दे,
हम पर लुटा दे,
तेरे दर पर चाहे पड़े दम तोड़ना,
तेरे दरबार को नहीं छोड़ना,
चाहे तेरे पीछे जग पड़े छोड़ना।।

(पुनरावृत्ति)
तेरे दरबार को नहीं छोड़ना,
चाहे तेरे पीछे जग पड़े छोड़ना।।
 


तेरे दरबार को नहीं छोड़ना फिल्मी तर्ज
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