आवणो पड़ेला कारज सारणो पड़ेला

आवणो पड़ेला कारज सारणो पड़ेला


आवणो पड़ेला, कारज सारणो पड़ेला,
आज री जागण में, सतगुरु आवणो पड़ेला।

गुरु गोविंद दोऊ खड़े,
किसके लागू पाय?
बलिहारी गुरु अपने,
जो गोविंद दियो बताय।

पहले युग में भक्त प्रह्लाद आया,
पाँच करोड़ तपसी तारणो पड़ेला।
आज री जागण में, सतगुरु आवणो पड़ेला।

दूजे युग में राजा हरिश्चंद्र आया,
सात करोड़ तपसी तारणो पड़ेला।
आज री जागण में, सतगुरु आवणो पड़ेला।

तीजे युग में राजा जेठल आया,
नौ करोड़ तपसी तारणो पड़ेला।
आज री जागण में, सतगुरु आवणो पड़ेला।

चौथे युग में राजा बलिचंद आया,
बारह करोड़ तपसी तारणो पड़ेला।
आज री जागण में, सतगुरु आवणो पड़ेला।

चारों युगों में मंगल, रूपा बाई गावे,
थाली में बाग लगावणो पड़ेला।
आज री जागण में, सतगुरु आवणो पड़ेला।


Rajasthani Bhakti Geet | Aavno Padela Satguru | Anil Dewra | Ganpat Garva Anil Dewra | Audio Song

ऐसे ही अन्य भजनों के लिए आप होम पेज / गायक कलाकार के अनुसार भजनों को ढूंढें.
 

पसंदीदा गायकों के भजन खोजने के लिए यहाँ क्लिक करें।

You may also like
Saroj Jangir Author Author - Saroj Jangir

इस ब्लॉग पर आप पायेंगे मधुर और सुन्दर भजनों का संग्रह । इस ब्लॉग का उद्देश्य आपको सुन्दर भजनों के बोल उपलब्ध करवाना है। आप इस ब्लॉग पर अपने पसंद के गायक और भजन केटेगरी के भजन खोज सकते हैं....अधिक पढ़ें

Next Post Previous Post