मात पिता से दगो जो करेगो चार जनम
मात पिता से दगो जो करेगो चार जनम
मात-पिता से दग़ो जो करेगा,
चार जनम पछताएगा,
पछताएगा, दुःख पाएगा,
पछताएगा, दुःख पाएगा,
बीरा! म्हारा यो अवसर नहीं आवेगा,
मात-पिता से दग़ो जो करेगा,
चार जनम पछताएगा।
पहले जनम में बनेगा रे बेल तूं,
पकड़ किसान ले जाएगा,
नाक के अंदर नाथ पहनाएगा,
और परहाना से मारेगा,
मारेगा, सुधारेगा,
बीरा! म्हारा यो अवसर नहीं आवेगा,
मात-पिता से दग़ो जो करेगा,
चार जनम पछताएगा।
दूसरे जनम में बनेगा रे गधा,
पकड़ कुम्हार ले जाएगा,
कंधे के ऊपर कुंठा धरेगा,
और डंडा से मारेगा,
मारेगा, सुधारेगा,
बीरा! म्हारा यो अवसर नहीं आवेगा,
मात-पिता से दग़ो जो करेगा,
चार जनम पछताएगा।
तीसरे जनम में बनेगा रे बंदर,
पकड़ मदारी ले जाएगा,
गले में ऊपर रस्सी पहनाएगा,
घर-घर भीख मंगवाएगा,
बीरा! म्हारा यो अवसर नहीं आवेगा,
मात-पिता से दग़ो जो करेगा,
चार जनम पछताएगा।
चौथे जनम में बनेगा रे बकरा,
पकड़ कसाई ले जाएगा,
गले के ऊपर छुरी धरेगा,
"मैं-मैं" करे, फिर तू मर जाएगा,
बीरा! म्हारा यो अवसर नहीं आवेगा,
मात-पिता से दग़ो जो करेगा,
चार जनम पछताएगा।
मात-पिता से दग़ो जो करेगा,
चार जनम पछताएगा,
पछताएगा, दुःख पाएगा,
पछताएगा, दुःख पाएगा,
बीरा! म्हारा यो अवसर नहीं आवेगा,
मात-पिता से दग़ो जो करेगा,
चार जनम पछताएगा।
चार जनम पछताएगा,
पछताएगा, दुःख पाएगा,
पछताएगा, दुःख पाएगा,
बीरा! म्हारा यो अवसर नहीं आवेगा,
मात-पिता से दग़ो जो करेगा,
चार जनम पछताएगा।
पहले जनम में बनेगा रे बेल तूं,
पकड़ किसान ले जाएगा,
नाक के अंदर नाथ पहनाएगा,
और परहाना से मारेगा,
मारेगा, सुधारेगा,
बीरा! म्हारा यो अवसर नहीं आवेगा,
मात-पिता से दग़ो जो करेगा,
चार जनम पछताएगा।
दूसरे जनम में बनेगा रे गधा,
पकड़ कुम्हार ले जाएगा,
कंधे के ऊपर कुंठा धरेगा,
और डंडा से मारेगा,
मारेगा, सुधारेगा,
बीरा! म्हारा यो अवसर नहीं आवेगा,
मात-पिता से दग़ो जो करेगा,
चार जनम पछताएगा।
तीसरे जनम में बनेगा रे बंदर,
पकड़ मदारी ले जाएगा,
गले में ऊपर रस्सी पहनाएगा,
घर-घर भीख मंगवाएगा,
बीरा! म्हारा यो अवसर नहीं आवेगा,
मात-पिता से दग़ो जो करेगा,
चार जनम पछताएगा।
चौथे जनम में बनेगा रे बकरा,
पकड़ कसाई ले जाएगा,
गले के ऊपर छुरी धरेगा,
"मैं-मैं" करे, फिर तू मर जाएगा,
बीरा! म्हारा यो अवसर नहीं आवेगा,
मात-पिता से दग़ो जो करेगा,
चार जनम पछताएगा।
मात-पिता से दग़ो जो करेगा,
चार जनम पछताएगा,
पछताएगा, दुःख पाएगा,
पछताएगा, दुःख पाएगा,
बीरा! म्हारा यो अवसर नहीं आवेगा,
मात-पिता से दग़ो जो करेगा,
चार जनम पछताएगा।
माँ बाप का बहुत ही सुन्दर चेतावनी भजन सुनकर श्रोता हुए मोहित | Shekhar Sain | Vasa 2018
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Author - Saroj Jangir
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