जीवन बीत चला सोंग जगजीत सिंह

जीवन बीत चला अटल बिहारी बाजपई

 
जीवन बीत चला लिरिक्स Jivan Beet Chala Lyrics Atal Bihari Ji Bajpai Poem

कल कल करते आज
हाथ से निकले सारे
भूत भविष्य की चिंता में
वर्तमान की बाज़ी हारे
पहरा कोई काम न आया
रसघट रीत चला
जीवन बीत चला
हानि लाभ के पलड़ों में
तुलता जीवन व्यापार हो गया
मोल लगा बिकने वाले का
बिना बिका बेकार हो गया
मुझे हाट में छोड़ अकेला
एक एक कर मीत चला
जीवन बीत चला
Jeevan Beet Chala

Provided to YouTube by Sa Re Ga Ma
Jeevan Beet Chala · Jagjit Singh
Samvedna
Saregama India Ltd
Released on: 2002-01-12

यह कविता समय और जीवन के बाजारू अनुभव की करुण एवं यथार्थ छाया है। यहाँ मनुष्य की व्यस्तता और उसकी खोती संवेदनाओं का गहरा चित्रण मिलता है—सारा जीवन “कल” के विचारों और “भूत-भविष्य” की चिंता में “आज” को गँवाने में ही बीत जाता है। कवि उन खींचतान से भरे क्षणों पर ध्यान दिलाता है, जब अपने-पराये, लाभ-हानि, मिलन-विरह, सब एक मोल-भाव के व्यापार में बदल जाते हैं।
 

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