मेरे मन के अंध तमस में ज्योर्तीमयी उतरो लिरिक्स जगजीत सिंह Mere Man Ke Andh Tamas Me Jyotirmayi Utaro Lyrics Jagjit Singh

मेरे मन के अंध तमस में ज्योर्तीमयी उतरो लिरिक्स जगजीत सिंह Mere Man Ke Andh Tamas Me Jyotirmayi Utaro Lyrics Jagjit Singh Bhajan Jagjit Singh Bhajan

 

जय जय माँ, जय जय माँ,
जय जय माँ, जय जय माँ, 
मेरे मन के अंध तमस में,
ज्योर्तीमयी उतरो ।

कहाँ यहाँ देवो का नन्दन,
मल्याचल का अभिनव चंदन,
मेरे उर के उजड़े वन,
करूणामयी वीचरो ।

नहीं कहीं कुछ मुझ में सुन्दर,
काजल सा काला ये अंतर,
प्राणों के गहरे गहवर में,
ममतामयी विहरो ।
मेरे मन के अंध तमस में,
ज्योर्तीमयी उतरो ।
कहाँ यहाँ देवो का नन्दन,
मल्याचल का अभिनव चंदन,
मेरे उर के उजड़े वन,
करूणामयी वीचरो ।

नहीं कहीं कुछ मुझ में सुन्दर,
काजल सा काला ये अंतर,
प्राणों के गहरे गहवर में,
ममतामयी विहरो ।
 

Jagjit Singh - मेरे मन के अंत तमस में, जोय्तिर मैयी उतरो

Mere Man Ke Andh Tamas Mein
Mere Man Ke Andh Tamas Mein,
Jyortimayi Utaro .

Kahaan Yahaan Devo Ka Nandan,
Malyaachal Ka Abhinav Chandan,
Mere Ur Ke Ujade Van,
Karunaamayi Vicharo .

Nahin Kahin Kuchh Mujh Mein Sundar,
Kaajal Sa Kaala Ye Antar,
Praanon Ke Gahare Gahavar Mein,
Mamataamayi Viharo .
Mere Man Ke Andh Tamas Mein,
Jyortimayi Utaro .

Kahaan Yahaan Devo Ka Nandan,
Malyaachal Ka Abhinav Chandan,
Mere Ur Ke Ujade Van,
Karunaamayi Vicharo .

Nahin Kahin Kuchh Mujh Mein Sundar,
Kaajal Sa Kaala Ye Antar,
Praanon Ke Gahare Gahavar Mein,
Mamataamayi Viharo .
Artist: Jagjit Singh
Album: Maa 


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