Na Yu Ghanshyam Tumko Dukh Se Ghabara
न यूँ घनश्याम तुमको दुःख से घबरा कर के छोडूंगा,
जो छोडूंगा तो कुछ भी तमाशा कर के छोडूंगा,
अगर था छोड़ना मुझको तो फिर क्यूं हाथ पकड़ा था,
जो अब छोड़ा तो मैं जाने न क्या-क्या करके छोडूंगा,
न यूँ घनश्याम तुमको दुःख से घबरा कर के छोडूंगा,
न यूँ घनश्याम,
मेर रुस्वाइयां देखो! मजे से शौक से देखो,
तुम्हें भी मैं सरे बाजार रुसवा कर के छोडूंगा,
न यूँ घनश्याम तुमको दुःख से घबरा कर के छोडूंगा,
न यूँ घनश्याम,
तुम्हें है नाज यह बेदर्द रहता है हमारा दिल,
मैं उस बेदर्द दिल में दर्द पैदा कर के छोडूंगा,
न यूँ घनश्याम तुमको दुःख से घबरा कर के छोडूंगा,
न यूँ घनश्याम,
निकाला तुमने अपने दिल के जिस घर से उसी घर पर,
अगर दृग ‘बिन्दु’ जिंदा है तो कब्जा कर के छोडूंगा,
न यूँ घनश्याम तुमको दुःख से घबरा कर के छोडूंगा,
न यूँ घनश्याम,
यह भी देखें You May Also Like