जद्यपि सब बैकुंठ बखाना। बेद पुरान बिदित जगु जाना॥
अवधपुरी सम प्रिय नहिं सोऊ। यह प्रसंग जानइ कोउ कोऊ
अवधपुरी सम प्रिय नहिं सोऊ।
यह प्रसंग जानइ कोउ कोऊ॥
अवधपुरी के समान मुझे वह भी प्रिय नहीं है। यह बात (भेद) कई-कोई (बिरले ही) जानते हैं॥२॥ जन्मभूमि मम पुरी सुहावनि।
उत्तर दिसि बह सरजू पावनि॥
जा मज्जन ते बिनहिं प्रयासा।
मम समीप नर पावहिं बासा॥३॥
यह सुहावनी पुरी मेरी जन्मभूमि है। इसके उत्तर दिशा में जीवों को पवित्र करने वाली सरयू नदी बहती है, जिसमें स्नान करने से मनुष्य बिना ही परिश्रम मेरे समीप निवास (सामीप्य मुक्ति) पा जाते हैं॥३॥
ले चल अपनी नागरिया, अवध बिहारी साँवरियाँ,
अवध बिहारी साँवरियाँ, ले चल अपनी नागरिया,
ले चल अपनी नागरिया, अवध बिहारी साँवरियाँ,
सरयू के तीर अयोध्या नगरी, सरयू के तीर अयोध्या नगरी,
संत भरे जहाँ गागरिया, संत भरे जहाँ गागरिया,
अवध बिहारी साँवरियाँ, ले चल अपनी नागरिया,
ले चल अपनी नागरिया, अवध बिहारी साँवरियाँ,
कनक भवन सिया रघुवर राजे, कनक भवन सिया रघुवर राजे,
देख भई मैं बावरिया, देख भई मैं बावरिया,
अवध बिहारी साँवरियाँ, ले चल अपनी नागरिया,
ले चल अपनी नागरिया, अवध बिहारी साँवरियाँ,
ले चल अपनी नागरिया, अवध बिहारी सांवरिया,
अवध बिहारी साँवरियाँ, ले चल अपनी नागरिया,
ले चल अपनी नागरिया, अवध बिहारी साँवरियाँ,
ले चल अपनी नागरिया अवध बिहारी सावरिया ये भजन के लेखत साकेत वासी पूज्य श्री राजेश्वरानन्द जी महाराज है । जिसे पूज्य श्री राजन जी महाराज ने अपने श्री मुख से गाया है । इस भजन को पूरा इसलिए डाला गया है क्योंकि कुछ दिनों पहले ही पूज्य श्री राजेश्वरानन्द जी महाराज का साकेत वास हो गया है । उनको श्रद्धांजलि देने के लिए रामभक्त रोहन यूट्यूब चैनल की ओर से ये एक भजन उसके के साथ । पूज्य राजन जी-- ले चल अपनी नागरिया अवध विहारी सांवरिया | संपर्क सूत्र - +9831877060 , +919038822776
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