तेरी पायल बाजे माँ जब छमछम
(मुखड़ा)
तेरी पायल बाजे माँ,
जब छम-छम, छम-छम, छम-छम,
बादल गरजे, मेघा बरसे,
बिजली भी छम-छम, छम-छम।।
(अंतरा)
हंस चाल, मृग नयन तुम्हारे,
चंद्र बदन अति सोहे माँ,
माथे पे बिंदिया, बिजली सी माँ,
दमक रही दम-दम।।
काली घटा, सभी काले हैं,
केश तुम्हारे माँ जगदंबे,
स्वर्ण मुकुट पर मालिक माँ,
जो चमक रहे चम-चम।।
कनक वदन पर लाल चुनरिया,
गगन में चमके जैसे बिजुरिया,
नाच रहे सुर, नर, किन्नर,
तेरो रूप निरख अनुपम।।
कर में तेरे शस्त्र सुशोभित,
होते हैं माँ शेरावाली,
तेरी सेवा में रहते हैं,
'राजेंद्र' माँ हर दम।।
(अंतिम पुनरावृत्ति)
तेरी पायल बाजे माँ,
जब छम-छम, छम-छम, छम-छम,
बादल गरजे, मेघा बरसे,
बिजली भी छम-छम, छम-छम।।
तेरी पायल बाजे माँ जब छम छम छम छम.........