शेरावाली के दरबार में होती है सुनवाई भजन
शेरावाली के दरबार में होती है सुनवाई भजन
(मुखड़ा)
शेरावाली के दरबार में,
होती है सुनवाई,
सारे जग की महारानी ये,
जगदंबा महामाई,
शेरावाली के दरबार में,
होती है सुनवाई।।
(अंतरा)
जिसने माँगा, मैया तुझसे,
पल में झोली भर गई,
मैया, तेरी लाल चुनरिया,
ऐसा जादू कर गई,
किस्मत खुल गई जिसके सर पे,
लाल चुनर लहराई,
शेरावाली के दरबार में,
होती है सुनवाई।।
जब भी कोई भारी संकट,
मैया, हम पे आए,
मैया, तेरे सिवा हमें कोई,
और नज़र ना आए,
कदम-कदम पे भक्तों की,
माँ, तूने लाज बचाई,
शेरावाली के दरबार में,
होती है सुनवाई।।
उर्मिल तो माँ, बड़े गर्व से,
सबको ये बतलाता,
हर पल रक्षा करती मेरी,
शेरावाली माता,
मेरी उंगली थाम के चलती,
मैया की परछाई,
शेरावाली के दरबार में,
होती है सुनवाई।।
किसको देना, कब क्या देना,
माँ को सब खबर है,
हर भक्तों के ऊपर,
मेरी मैया नज़र है,
मैया की कृपा से ही,
ये सृष्टि रची रचाई,
शेरावाली के दरबार में,
होती है सुनवाई।।
(अंतिम पुनरावृत्ति)
शेरावाली के दरबार में,
होती है सुनवाई,
सारे जग की महारानी ये,
जगदंबा महामाई,
शेरावाली के दरबार में,
होती है सुनवाई।।
शेरावाली के दरबार में,
होती है सुनवाई,
सारे जग की महारानी ये,
जगदंबा महामाई,
शेरावाली के दरबार में,
होती है सुनवाई।।
(अंतरा)
जिसने माँगा, मैया तुझसे,
पल में झोली भर गई,
मैया, तेरी लाल चुनरिया,
ऐसा जादू कर गई,
किस्मत खुल गई जिसके सर पे,
लाल चुनर लहराई,
शेरावाली के दरबार में,
होती है सुनवाई।।
जब भी कोई भारी संकट,
मैया, हम पे आए,
मैया, तेरे सिवा हमें कोई,
और नज़र ना आए,
कदम-कदम पे भक्तों की,
माँ, तूने लाज बचाई,
शेरावाली के दरबार में,
होती है सुनवाई।।
उर्मिल तो माँ, बड़े गर्व से,
सबको ये बतलाता,
हर पल रक्षा करती मेरी,
शेरावाली माता,
मेरी उंगली थाम के चलती,
मैया की परछाई,
शेरावाली के दरबार में,
होती है सुनवाई।।
किसको देना, कब क्या देना,
माँ को सब खबर है,
हर भक्तों के ऊपर,
मेरी मैया नज़र है,
मैया की कृपा से ही,
ये सृष्टि रची रचाई,
शेरावाली के दरबार में,
होती है सुनवाई।।
(अंतिम पुनरावृत्ति)
शेरावाली के दरबार में,
होती है सुनवाई,
सारे जग की महारानी ये,
जगदंबा महामाई,
शेरावाली के दरबार में,
होती है सुनवाई।।
बिलकुल सही बात कही गई है इस भजन में | Mata Rani Bhajan | Sherawali Mata Bhajan | Devi Bhajan