रंग मत डारे रे कानूड़ा म्हारो गुर्जर मारे रे
रंग मत डारे रे कानूड़ा म्हारो गुज्जर मारे रे
मैं गुज्जरी नादान ओ गुज्जर मतवालो रे
रंग मत डारे रे कानूड़ा म्हारो गुज्जर मारे रे
होली खेले तो कान्हा बरसाने में आज्यो रे
राधा और रूख्मण ने आता सागे लाइजो रे
रंग मत डारे रे कानूड़ा म्हारो गुज्जर मारे रे
घर मत आज्यो म्हारी सास बुरी है
नन्दोली नादान म्हाने बोल्या मारे रे
रंग मत डारे रे कानूड़ा म्हारो गुज्जर मारे रे
सास बुरी है म्हारी ननद हठीली
परण्यो बेईमान म्हाने गाल्यां काढ़े रे
रंग मत डारे रे कानूड़ा म्हारो गुज्जर मारे रे
चन्द्र सखी भज बाल कृष्ण छवि
हरी चरनन में म्हारो चित लागे रे
रंग मत डारे रे कानूड़ा म्हारो गुज्जर मारे रे
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