आयो जामण जायो बीर ल्यायो लाल चुनरी मान्या अरोड़ा
आयो जामण जायो बीर (भाई)
ल्यायो लाल चुनरी,
आयो जामण जायो बीर,
ल्यायो लाल चुनरी,
लाल चुनरी, गोटेदार चुनरी,
आयो जामण जायो बीर,
ल्यायो लाल चुनरी,
आयो जामण जायो बीर,
ल्यायो लाल चुनरी,
सासरिये रे माय, म्हारों मान है बढ़ायो,
पीहररे सागे, बीरो भात भरने आयो,
नाचे म्हारे आंगणिये में, बाँध पगड़ी,
आयो जामण जायो बीर,
ल्यायो लाल चुनरी,
आयो जामण जायो बीर,
ल्यायो लाल चुनरी,
जामण जायो-सगा, बीर -भाई, ल्यायो लाल चुनरी-भात के समय पारम्परिक लाल रंग की चुनरी बहन को ओढ़ाई जाती है, गोटेदार चुनरी-जिस पर गोटे (कसीदा और चमकीले मोतियों का कार्य) का किया गया हो, म्हारों मान है बढ़ायो- मेरा (बहन) का मान बढ़ाया है, पीहररे सागे-पीहर पक्ष के लोगों के साथ, बीरो भात भरने आयो, -भाई भात की रस्म को पूरा करने के लिए आया है।
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Author - Saroj Jangir
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