भोला मेरा ग्रेट है दुनियाँ को कैसे समझाऊँ भजन
भगतों की अरदास को कभी,
भगतों की अरदास को कभी, करता ना ये लेट है,
दुनियाँ को कैसे समझाऊँ भोला मेरा ग्रेट है,
सारे जग पे नजर है, रखता दुनियाँ की हर बात को परखता,
यूं नहीं कहते तिरलोकी, तीनों लोक का करता धरता,
बाकी तो सब व्यपारी हैं, ये ही तो बस इक सेठ है,
दुनियाँ को कैसे समझाऊँ भोला मेरा ग्रेट है,
दुनियाँ दारी छोड़ के बैठा, अविनाशी कैलाशी है,
फिर भी रहता कण कण में ये तो घट घट वासी है,
दुनियाँ का जो भला ना चाहे, करता मटिया मेट है,
दुनियाँ को कैसे समझाऊँ, भोला मेरा ग्रेट है,
देवी देव समझ ना पाएँ, भोले की जो माया है,
फिर क्या समझे "पूरवी अमन" जो इक छोटा सा साया है,
"केशव शर्मा" (गायक) की भी सुन लो हम से अब क्यों फैट है ,
दुनियाँ को कैसे समझाऊ, भोला मेरा ग्रेट है,
दुनियाँ को कैसे समझाऊँ भोला मेरा गरेट है,
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