हनुमान चालीसा फायदे जप विधि हिंदी मीनिंग Hanuman Chalisa Meaning Benefits Hindi

हनुमान चालीसा फायदे जप विधि हिंदी मीनिंग Hanuman Chalisa Meaning Benefits Hindi

 
हनुमान चालीसा फायदे जप विधि हिंदी मीनिंग Hanuman Chalisa Meaning Benefits Hindi

दोहा
श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि,
बरनऊँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि,
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवनकुमार,
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार,
चौपाई
जय हनुमान ज्ञान गुन सागर, जय कपीस तिहुँ लोक उजागर,
राम दूत अतुलित बल धामा, अंजनिपुत्र पवनसुत नामा,
महाबीर बिक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी,
कंचन बरन बिराज सुबेसा, कानन कुंडल कुंचित केसा,
हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै, काँधे मूँज जनेऊ साजै,
संकर सुवन केसरीनंदन, तेज प्रताप महा जग बंदन,
विद्यावान गुनी अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर,
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया,
सूक्श्म रूप धरि सियहिं दिखावा, बिकट रूप धरि लंक जरावा,
भीम रूप धरि असुर सँहारे, रामचंद्र के काज सँवारे,
लाय सजीवन लखन जियाये, श्रीरघुबीर हरषि उर लाये,
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई, तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई,
सहस बदन तुम्हरो जस गावैं, अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं,
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा, नारद सारद सहित अहीसा,
जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते, कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते,
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा, राम मिलाय राज पद दीन्हा,
तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना, लंकेस्वर भए सब जग जाना,
जुग सहस्र जोजन पर भानू, लील्यो ताहि मधुर फल जानू,
प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं, जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं,
दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते,
राम दुआरे तुम रखवारे, होत न आज्ञा बिनु पैसारे,
सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रच्छक काहू को डर ना,
आपन तेज संहारो आपै, तीनों लोक हाँक तें काँपै,
भूत पिसाच निकट नहिं आवै, महाबीर जब नाम सुनावै,
नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा,
संकट तें हनुमान छुड़ावै, मन क्रम बचन ध्यान जो लावै,
सब पर राम तपस्वी राजा, तिन के काज सकल तुम साजा,
और मनोरथ जो कोई लावै, सोई अमित जीवन फल पावै,
चारों जुग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा,
साधु संत के तुम रखवारे, असुर निकंदन राम दुलारे,
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता,
राम रसायन तुम्हरे पासा, सदा रहो रघुपति के दासा,
तुम्हरे भजन राम को पावै, जनम जनम के दुख बिसरावै,
अंत काल रघुबर पुर जाई, जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई,
और देवता चित्त न धरई, हनुमत सेई सर्ब सुख करई,
संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा,
जै जै जै हनुमान गोसाईं, कृपा करहु गुरु देव की नाईं,
जो सत बार पाठ कर कोई, छूटहि बंदि महा सुख होई,
जो यह पढ़ै हनुमान चलीसा, होय सिद्धि साक्षी गौरीसा,
तुलसीदास सदा हरि चेरा, कीजै नाथ हृदय मँह डेरा,
दोहा
पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप,
राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुर भूप,


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"चालीसा" से अभिप्राय चालीस छंदों (40 Verses ) के योग से बनी लयात्मक स्तुति होती है जिसे हम अपने इष्ट की वंदना करने के लिए गाते हैं। चालीसा को किसी पद्य की तरह से पढ़ा जाता है क्यों की इसे लिखने के दौरान ही छंद /दोहे आदि का उपयोग है जो स्वंय गीतात्मक होते हैं और निश्चित पैरामीटर में बंधे होते हैं। हनुमान चालीसा से आशय है वीर हनुमान की स्तुति का चालीस छंदों वाला गीतात्मक / काव्य रूपी स्तुति जिसको गा कर के हम प्रभु की भक्ति करते हैं। चालीसा में सूक्ष्म रूप से अनेक मन्त्र रूपी शब्दों का योग होता है जिसे ऋषियों के द्वारा अनुसंधान के उपरांत लिखा गया है। श्री हनुमान चालीसा की लोकप्रियता के उपरान्त ही अनेकों देवों की स्तुति करने के लिए "चालीसा" लिखे गए हैं, तो मूल रूप से श्री हनुमान चालीसा ही सबसे प्रथम चालीसा कहा जा सकता है। कलियुग में श्री हनुमान जी जाग्रत देव हैं और अपने भक्तों पर शीघ्र ही प्रसन्न हो जाते हैं।

हनुमान चालीसा की रचना किसने की Who is the Author of 'Shri Hanuman Chalisa

श्री हनुमान चालीसा की रचना गोस्वामी तुलसीदास जी के द्वारा की गई है। गोस्वामी तुलसीदास जी श्री राम के परम भक्त थे और हनुमान चालीसा के अतिरिक्त "राम चरित मानस" की रचना भी तुलसीदास जी के द्वारा ही की गई है। जब तुसलीदास जी ने हनुमान चालीसा को पूर्ण कर लिया तभी लाखों बंदरों ने दिल्ली में अपना डेरा जमा लिया था।

हनुमान चालीसा किस भाषा में है Language of Hanuman Chalisa

हनुमान चालीसा को गोस्वामी जी के द्वारा वाराणसी घाट पर निवास करते हुए लिखा गया है और इसकी भाषा 'अवधि' है। वस्तुतः एक बार ओरंगजेब ने गोस्वामी जी को जेल में डाल दिया और कहा की उसका ईश्वर भ्रम है, यदि वास्तव में उसके ईश्वर हैं तो वह उन्हें दिखाएं। इस पर तुलसीदास जी ने कहा की ईश्वर की प्राप्ति तभी संभव हो सकती है जब कोई सच्ची श्रद्धा से उनकी भक्ति करें, ऐसी ईश्वर को नहीं बुलाया जा सकता है। तुलसीदास जी के इस उत्तर के उपरान्त उन्हें कैद में डाल दिया गया। कैद के दौरान ही उन्होंने श्री हनुमान जी को खूब याद किया और अलौकिक प्रेरणा के फलस्वरूप उन्होंने कैद में ही हनुमान चालीसा के छंदों का निर्माण किया जो वर्तमान में प्रत्येक व्यक्ति को कंठस्थ हैं।

हनुमान चालीसा के फायदे/लाभ Benefits of Hanuman Chalisa
वैसे तो हनुमान चालीसा का पाठ करने के पीछे कारण ढूंढने के स्थान पर इतना ही काफी है की श्री हनुमान जी आ आशीर्वाद प्राप्त होता है, जिससे स्वतः ही अनेकों आध्यात्मिक, दैहिक और संसारगत लाभ प्राप्त हो जाते हैं, फिर भी उल्लेखनीय है की श्री हनुमान चालीसा के नियमित पाठ से हमें कुछ विशेष लाभ मिलते हैं जो निम्न हैं। मंगलवार का दिवस हनुमान चालीसा के पाठ के लिए श्रेष्ठ माना गया है।

श्री राम का मिलता है आशीर्वाद : श्री हनुमान चालीसा का नियमित पाठ करने से जातक को श्री हनुमान का आशीवार्द तो प्राप्त होता ही है और प्रभु श्री राम का आशीर्वाद भी स्वतः ही प्राप्त हो जाता है।

बुरी शक्तिओं को दूर करे : श्री हनुमान चालीसा के पाठ को मंगलवार और शनिवार के रोज नियमित रूप से करने पर बुरी शक्तियों (भूत, प्रेत ) आदि का प्रभाव समाप्त हो जाता है और जिस घर में इसका पाठ किया जाता है उस घर में समस्त नकारात्मक शक्तियाँ दूर हो जाती है।

Reduce Effects of Sade Sati साढ़े सती के प्रभावों को दूर करने के लिए : साढ़े सती के प्रभाव को दूर करने के लिए भी हनुमान चालीसा बहुत ही लाभदायी होता है। एक बार श्री हनुमान जी ने शनिदेव की जान बचाई थी जिसके फ़लस्वरूप शनि देव जी ने हनुमान जी को वचन दिया था की जो भी कोई आपका भक्त होगा, मैं निश्चित रूप से उसे हानि नहीं पहुँचाऊँगा। नियमित रूप से शनिवार के रोज हनुमान चालीसा का पाठ करने से साढ़े सती का प्रभाव दूर होता है।

नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करने से जातक के सभी शारीक रोग और मानसिक बाधाएँ दूर होती हैं। श्री हनुमान जी आपके जीवन की समस्त बाधाएं और शारीरिक पीड़ा को हर लेते हैं।

नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा,
संकट तें हनुमान छुड़ावै, मन क्रम बचन ध्यान जो लावै,

लेकिन ऐसा भी नहीं है के आप बस एक बार हनुमान चालीसा का पाठ कर लें और सभी संकट दूर हो जाएँ। इसके लिए आपको नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए क्योंकि स्वाभाविक रूप से हम एक दो बार पढ़ी गई किसी भी बात को भूल जाते हैं लेकिन यदि आप नियमित रूप से हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं तो अवश्य ही आपको इसका लाभ प्राप्त होगा और आप पाएंगे की आप श्री हनुमान जी के निकट पहुँचते चले जाएंगे। हनुमान चालीसा में आप पढ़िए "जो सत बार पाठ कर कोई, छूटहि बंदि महा सुख होई" यानी इसका कम से कम सौ बार पाठ तो किया ही जाना चाहिए, तब कहीं जाकर यह कंठस्थ होती है और प्रभु का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

मानसिक शान्ति के लिए : अनिष्ट का डर व्यक्ति को तब तक ही सताता है जब तक वह स्वंय को ईश्वर को समर्पित नहीं कर देता है। जब व्यक्ति हनुमान चालीसा का पाठ नियमित रूप से करता है तो मनोवैज्ञानिक रूप से उसे किसी प्रकार का डर नहीं रहता है। बच्चे यदि ऐसा करें तो वे निश्चित ही कुशाग्र बुद्धि के धारक बनते हैं।
Forgive Sins पापों से मुक्त होने के लिए : श्री हनुमान चालीसा का पाठ नियमित रूप से करने पर जातक को उसके द्वारा किये गए पाप कर्म से मुक्ति मिलती है। यह ईश्वर के प्रति सच्ची भावना से किया गया समर्पण है जिसके फलस्वरूप प्रभु हमें नेक राह पर चलने के लिए प्रेरित करते हैं।
Remove Obstacles जीवन की बाधाओं से मुक्ति हेतु : अनेकों पार प्रयत्न करने पर भी जब सफलता में रुकावट आ रही हो तो हनुमान चालीसा का पाठ मदद करता है और जातक को व्यक्तिगत और सामजिक जीवन में सफलताएं मिलने लगती हैं।



हनुमान चालीसा का पाठ कितनी बार करें How Many Times should we recite Hanuman Chalisa
गोस्वामी तुलसीदास जी ने लिखा है की "जो सत बार पाठ कर कोई, छूटहि बंदि महा सुख होई" सौ बार यदि इसका पाठ किया जाय तो सभी प्रकार के कष्टों का अंत होता है। फायदा क्या होगा ? कर के देखिये स्वतः ही आपको पता चल जाएगा। यह कोई इस हाथ दे और उस हाथ ले, जैसा नहीं है। आप स्वंय कीजिये और अपने जीवन में बदलाव को महसूस कीजिये। जितनी बार आप हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं उतनी बार ही कर लीजिये, काफी है लेकिन जितना ज्यादा करें उतना ही अच्छा है। मोरारी बापू जी के अनुसार यदि आप हनुमान चालीसा का पाठ नहीं कर पा रहे हैं तो कम से कम जो हनुमान चालीसा का पाठ करता है उसकी निंदा कभी मत करो, यही काफी है। हनुमान चालीसा की एक एक पंक्ति कीमती है, मन चित्त शुद्ध होगा और जीवन में शांति का संचार होगा।


हनुमान चालीसा का पाठ कब करें When should I recite Hanuman Chalisa
हर कण में ईश्वर व्याप्त है, हर वक़्त में ईश्वर है, तो कब करें हनुमान चालीसा का पाठ ? जब भी वक़्त मिले। सुबह करें शाम को करें या रात में ईश्वर का नाम जब लिया जाय तब ही उचित है। एक बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए, चित्त शुद्ध हो, वातावरण शुद्ध हो और शारीरिक शुद्धता का विशेष ध्यान रखते हुए प्रभु के नाम का सुमिरन करें। सुबह का समय हनुमान चालीसा के पाठ के लिए उत्तम रहता है क्योंकि सुबह हर वस्तु में ताज़गी रहती है। यदि आप सिद्धि चाहते हैं तो एक रोज में कम से कम सात बार इसका पाठ करें। यदि किसी विशेष प्रयोजन से इसका पाठ किया जाना है तो अपने गुरु की राय अवश्य लेवें, क्योंकि कब और कैसे इसका उचित पाठ किया जाना है वह कुछ बदल सकता है। जब भी हनुमान चालीसा का पाठ करें बस याद रखें की मन चित्त पवित्र हो, शारीरिक स्वछता रहे, इतना काफी है। श्री राम जी को प्राप्त करने का सबसे आसान तरीका "श्री हनुमान चालीसा", यही मन्त्र ही सफलता है।

हनुमान चालीसा का हिंदी में अर्थ : Meaning of Hanuman Chalisa in Hindi/English

श्री हनुमान चालीसा का सरल हिंदी में अर्थ यहाँ दिया गया है जिसमे यदि कोई त्रुटि है तो आप कमेंट बॉक्स में लिखकर जरूर बताइये जिससे उसमे सुधार किया जा सके।

श्रीगुरु चरन सरोज रज, निज मनु मुकुरु सुधारि,
बरनऊँ रघुबर बिमल जसु, जो दायकु फल चारि,
बुद्धिहीन तनु जानिके, सुमिरौं पवनकुमार,
बल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं, हरहु कलेस बिकार,

हिंदी में अर्थ : मैं अपने मन के दर्पण को श्री गुरुवर जी के चरण कमलों की धूल से साफ़ करता हूँ और रघुकुल के राजा श्री रामचंद्र जी की स्तुति करता हूँ/श्री राज जी के यश का वर्णन करता हूँ, जो चार प्रकार के फल (आशीर्वाद) (धर्म अर्थ, काम और मोक्ष ) देते हैं। हे पवन के पुत्र (श्री हनुमान) मुझे मुर्ख समझ कर मेरी गलतियों को क्षमा कर दीजिये और मुझे बल बुद्धि और विद्या का वरदान दे साथ ही मेरे सभी कष्टों का अंत करें। मुझे बौद्धिक स्तर से और शारीरिक रूप से सक्षम कीजिये, बल दीजिये।
Meaning in English : I clean the mirror of my mind from the dust of the lotus feet of Shri Guruvar ji and praise the King of Raghukul Shri Ramchandra ji / I describe the fame of Shri Raj ji, which is four types of fruits (blessings) (religion) Meaning, work and salvation). O son of Pawan (Shri Hanuman), consider me foolish and forgive my mistakes and give me a boon of strength, wisdom and learning and end all my troubles. Enable me intellectually and physically, give me power.

जय हनुमान ज्ञान गुण सागर, जय कपीस तिहूँ लोक उजागर,
राम दूत अतुलित बल धामा, अंजनिपुत्र पवनसुत नामा,

हिंदी में अर्थ : हे ईश्वर (श्री हनुमान जी ) आप ज्ञान और गुणों के सागर हैं। हे वानर प्रमुख हनुमान जी, आपकी दिव्य रौशनी / तेज़ से ही तीनों लोक उजागर हैं। आप ही श्री राम जी के दूत हैं और अथाह शक्तियों के भंडार भी हैं। आप श्री राम जी के दूत हैं और पवन के पुत्र, माता अंजनी के लाल हैं।
Meaning in English : O God (Shri Hanuman ji) you are the ocean of knowledge and virtues. O monkey chief Hanuman ji, all three worlds are revealed by your divine light. You are the messenger of Lord Shri Ram Ji and also the storehouse of immense powers. You are the messenger of Shri Ram ji and the son of Pawan and Mata Anjani.

महाबीर बिक्रम बजरंगी, कुमति निवार सुमति के संगी,
कंचन बरन बिराज सुबेसा, कानन कुंडल कुंचित केसा,

हिंदी में अर्थ : हे बजरंग बली ! आप अत्यंत ही बलवान और वीर हैं, आप के आशीर्वाद से ही कुबुद्धि दूर होती है और सद्बुद्धि की प्राप्ति होती है। हे वीर बजरंग बली महाराज आप मुझे आशीर्वाद दीजिये की मेरी कुबुद्धि दूर हो जाए और मुझे सद्बुद्धि मिले। आप अज्ञान के अन्धकार को दूर करके ज्ञान का प्रकाश देने वाले हैं। आपकी देह कंचन के समान है और आपका वेश भी अत्यंत सुंदर है, आपके कानों में कुण्डल है और आपके केश घुंघराले हैं।
Meaning in English : Hey Bajrang Bali! You are very strong and brave, only by your blessing does the illusion get away and goodness is attained. O Veer Bajrang Bali Maharaj, bless me, that my mischief may be removed and I shall have good wisdom. You are the light of knowledge by removing the darkness of ignorance. Your body is like Kanchan and your dress is also very beautiful, your ears have a kundal and your hair is curly.

हाथ बज्र औ ध्वजा बिराजै, काँधे मूँज जनेऊ साजै,
संकर सुवन केसरीनंदन, तेज प्रताप महा जग बंदन,

हिंदी में अर्थ : हे बजरंग बली, आपके हाथों में गदा और दूसरे हाथ में श्री राम जी की पवित्र ध्वजा है और साथ ही आपके जनेऊ (जनेऊ एक सूती धागा होता है जिसको शास्त्र विधि से धारण किया जाता है) सज रही है। आप श्री शंकर के अवतार (श्री हनुमान जी शिव के ९ रूद्र अवतार हैं, समुद्र मंथन के दौरान मोहिनी के रूप में भगवान विष्णु के प्रकट होने से भगवान शिव इतने प्रभावित हुए कि उनका वीर्य जमीन पर छोड़ दिया। इस वीर्य की स्थापना सप्तऋषियों ने अंजनी के गर्भ में स्वयं भगवान शिव की अनुमति से की थी। इस तरह पराक्रमी हनुमान का जन्म हुआ। ) हैं और केसरी नंदन भी हैं। आपका तेज, बल और बुद्धि का प्रकाश चारों तरफ विद्यमान हैं। सम्पूर्ण जगत में आपके तेज का प्रकाश विद्यमान है।आपके तेज का समस्त श्रष्टि यशगान करती है।
O Bajrang Bali, you have Gada in your hands and the holy flag of Shri Ram ji in the other hand and also your janeu (janeu is a cotton thread which is worn by scripture method) is being decorated. You are the incarnation of Shree Shankar (Shree Hanuman ji is the 9 Rudra avatar of Shiva, Lord Shiva was so impressed by the appearance of Lord Vishnu as Mohini during the Samudra Manthan that he left his semen on the ground. This semen was founded by the Anjani In the womb with the permission of Lord Shiva himself. This is how the mighty Hanuman was born.) And Kesari Nandan. Your light, strength and light of wisdom are everywhere. The light of your light is present in the whole world. All the light of your glory is celebrated.

विद्यावान गुनी अति चातुर, राम काज करिबे को आतुर,
प्रभु चरित्र सुनिबे को रसिया, राम लखन सीता मन बसिया,

हिंदी में अर्थ : हे वीर बजरंग बली महाराज, आप अत्यंत ही गुणी हैं और चतुर हैं साथ ही आप राम काज करने को सदा ही आतुर (तैयार ) रहते हैं। उल्लेखनीय है की श्री राम जी के परम भक्त श्री हनुमान की कृपा से हमें श्री राम जी का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है। श्री हनुमान जी आप श्री राम जी के चरित्र (गुण) के विषय में सुनने को सदा ही तैयार रहते हैं और माता सीता, श्री राम और लखन जी के मन में सदा ही वास करते हो।

सूक्ष्म रूप धरि सियहिं दिखावा, बिकट रूप धरि लंक जरावा,
भीम रूप धरि असुर सँहारे, रामचंद्र के काज सँवारे,

हिंदी में अर्थ : माता सीता को आपने सूक्ष्म रूप धारण करके दिखाया और विकराल रूप धारण करके लंका को आग के हवाले कर दिया। वृहद रूप धारण करके समस्त असुरों का अंत कर और श्री राम जी के सभी कामों को पूर्ण किया।
Meaning in English : You showed Sukshma Roopa to Mata Sita and in Vrihad Rupa you set the Lanka fire. By taking a Bheem Rupa, He killed all the Asuras. You always do all the works of Lord Shri Rama.

लाय सजीवन लखन जियाये, श्रीरघुबीर हरषि उर लाये,
रघुपति कीन्ही बहुत बड़ाई, तुम मम प्रिय भरतहि सम भाई,

हिंदी में अर्थ : आपने संजीवनी बूटी को लाकर, श्री लक्ष्मण जी के प्राणों की रक्षा की और श्री राम जी प्रसन्न होकर आपके गले लगाते हैं। श्री राम जी प्रसन्न होकर हनुमान जी को अपने गले से लगाकर के कहते हैं की तुम मेरे भाई लक्ष्मण के समान हो।
Meaning in English : You Brought the Sanjeevani Buti and Saved the life of Shri Lakhan Ji, Because of this Sri Rama Embraced You overflowing with Joy.

सहस बदन तुम्हरो जस गावैं, अस कहि श्रीपति कंठ लगावैं,
सनकादिक ब्रह्मादि मुनीसा, नारद सारद सहित अहीसा,

हिंदी में अर्थ : हजारों जिव्हाओं से शेषनाग तुम्हारे यश को गाता है लेकिन पूर्ण रूप से वह भी तुम्हारे यश को गा नहीं सकता है। सनक ऋषि और अन्य ऋषियों (श्री सनक, श्री सनातन, श्री सनन्दन, श्री सनत्कुमार ) के साथ ब्रह्मा जी भी तुम्हारी महिमा को गाते हैं, नारद जी, माता शारदा सहित शेषनाग भी तुम्हारे यश का गुणगान करते हैं।
Meaning in English : Sheshnag sings your fame with thousands of tongues, but it is not possible to sing your fame completely. Lord Brahma ji along with Sanak Rishi and other sages (Shri Sanak, Sri Sanatan, Sri Sanandan, Sri Sanatkumar) also sing your glory, Narada ji, Mata Sharada along with Sheshnag also praise your fame.

जम कुबेर दिगपाल जहाँ ते, कबि कोबिद कहि सके कहाँ ते,
तुम उपकार सुग्रीवहिं कीन्हा, राम मिलाय राज पद दीन्हा,

हिंदी में अर्थ : यम (मौत के देवता यमराज ) कुबेर (धन के देवता ) और दिग्पाल (पृथ्वी के चारों कोनों की रक्षा करने वाले ) आपकी महिमा का गुणगान नहीं कर पाएं हैं, तब भला कवि कैसे आपकी महिमा का वर्णन करने में सक्षम हो सकता है। भाव है की आपकी महिमा का वर्णन करना सम्भव नहीं है। सुग्रीव पर तुमने उपकार किया और उसे श्री राम जी से मिलवाया और उसे उसका राजपाट पुनः मिल सका। सुग्रीव रामायण का एक प्रमुख पात्र हैं जो बाली के अनुज हैं। हनुमान जी के कारण उनकी श्री राम से मित्रता हुयी। वाल्मीकि रामायण में किष्किन्धाकाण्ड, सुन्दरकाण्ड तथा युद्धकाण्ड में सुग्रीव का वर्णन वानरराज के रूप में किया गया है। जब राम से उसकी मित्रता हुयी तब वह अपने अग्रज बाली के भय से ऋष्यमूक पर्वत पर हनुमान तथा कुछ अन्य वफ़ादार रीछ (ॠक्ष) (जामवंत) तथा वानर सेनापतियों के साथ रह रहा था। लंका पर चढ़ाई के लिए सुग्रीव ने ही वानर तथा ॠक्ष सेना का प्रबन्ध किया था। बाली के अंत पश्चात सुग्रीव को राजा की पदवी दी गई।
Meaning in English : Yama (Yamraj, the god of death), Kubera (god of wealth) and Digpal (guarding the four corners of the earth) have not been able to praise your glory, then how can mere poet be able to describe your glory! It is not possible to describe your glory. You introduced Sugreeva to Shri Ram Ji and he could get his coronation again. Sugriva is a major character of Ramayana who is anuj of Bali. He befriended Shri Rama because of Hanuman ji. In Valmiki Ramayana, Kishkindhandak, Sundarakanda and Yudhkarava describe Sugriva as Vanararaj. When he was befriended by Rama, he was staying with Hanuman and some other loyal bears (Aksh) (Jamwant) and monkey generals on the Rishimuk mountain in fear of his forebearing Bali. Sugriva had arranged for the monkey and the army to climb Lanka. After the end of Bali, Sugriva was given the title of king.

तुम्हरो मंत्र बिभीषन माना, लंकेस्वर भए सब जग जाना,
जुग सहस्र जोजन पर भानू, लील्यो ताहि मधुर फल जानू,

हिंदी में अर्थ : श्री राम के कहने पर जब विभीषण को श्री हनुमान जी सत्य की राह दिखाई और जब उन्होंने इसका अनुसरण किया तो जग जानता है की वे लंका के स्वामी बन गए। हजारों जोजन (दूरी को मापना) की दूरी पर स्थित सूर्य को भी तुमने मीठा फल सजझ कर खा लिया था (श्री हनुमान जी ने सूर्य को फल समझ कर खा लिया था इससे तीनों लोकों में अंधेरा व्याप्त हो गया और चारों तरफ त्रासदी फैल गई। वायुदेव ने वायु का संचार बंद कर दिया और श्री हनुमान जी निचे आ गिरे। इन्द्र के वज्र से हनुमान जी की ठोडी (हनु) टूट जाने पर ब्रह्मा जी ने उन्हें वज्र के समान शरीर होने का आशीर्वाद भी दिया। सभी देवताओं के आग्रह पर वायु देव ने पुनः वायु का संचार किया। )
Meaning in English : At the behest of Shri Ram, when Shree Hanuman ji showed the path of truth to Vibhishana and when he followed it, The world knows that he became the King of Lanka. Thousands of jojans (measuring the distance), you had also eaten the sweet fruit with respect to the sun (Shri Hanuman ji had eaten the considering Sun as a juicy fruit, it spread darkness in all three worlds and tragedy spread all around. Vayu Dev stopped the communication of Vayu and Shree Hanuman ji came down. When Lord Hanuman's chin (Hanu) broke from Indra's thunderbolt, Brahma ji Blessed him to have a body like Vajra. Obtained. Air at the request of all the gods Dev communication again wind up.)

प्रभु मुद्रिका मेलि मुख माहीं, जलधि लाँघि गये अचरज नाहीं,
दुर्गम काज जगत के जेते, सुगम अनुग्रह तुम्हरे तेते,

हिंदी में अर्थ : श्री राम जी की दी हुई मुद्रिका को आपने अपने मुख में रख लिया और समुद्र को पार कर लिया जिसमे कोई आश्चर्य नहीं है। भाव है की जब श्री राम जी ने माता सीता की पहचान करने के लिए उन्हें अपनी अँगूठी दी तो श्री हनुमान जी ने वह अंगूठी समुद्र को पार करके अशोक वाटिका में माता सीता को दिखाई। संसार में जितने भी दुर्गम/कठिन कार्य हैं वह आपके सामने कुछ भी नहीं हैं, वे सभी कार्य आपकी कृपा से आसान हो जाते हैं।
Meaning in English : You have put the ring given by Shri Ram ji (for the recolonization of Mata Sita ) in your mouth and crossed the Sea, which is no surprise. When Shri Ram Ji gave him his ring to identify Mother Sita, then Shri Hanuman Ji crossed the sea and showed it to Mother Sita in Ashoka Vatika. All the inaccessible / difficult tasks in the world are nothing in front of you, all those tasks become easy with your grace.

राम दुआरे तुम रखवारे, होत न आज्ञा बिनु पैसारे,
सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना,

हिंदी में अर्थ : श्री राम के प्रवेश द्वार के तुम ही रखवाले हो, तुम्हारी आज्ञा के बगैर कोई भी दाखिल नहीं हो सकता है। आपके आशीर्वाद के बगैर कोई भी श्री राम जी के नजदीक नहीं जा सकता है। पहले श्री हनुमान जी का आशीर्वाद चाहिए राम जी के दर्शन करने के लिए। जो भी तुम्हारी शरण में आता है वह प्रसन्न रहता है और उसे डरने की कोई आवश्यकता नहीं रहती है। जिसके तुम रक्षक हो उसका कोई कुछ नहीं बिगाड़ सकता है।
Meaning in English : You are Guard of Shri Rama's entrance, no one can enter without your permission. No one can get close to Shri Ram ji without your blessings. First of all to seek the blessings of Shree Hanuman ji to meet Rama ji. Whoever comes to your shelter remains happy and has no need to fear. Nothing can spoil the person for whom you are a protector.

आपन तेज सम्भालों आपै, तीनों लोक हाँक तें काँपै,
भूत पिसाच निकट नहिं आवै, महाबीर जब नाम सुनावै,

हिंदी में अर्थ : हे श्री हनुमान जी आपके तेज का, बल का किसी के पास कोई तोड़ नहीं है आपके तेज और बल को आप ही संभाल सकते हैं। आपकी गर्जना से तीनों लोक काँप उठाते हैं। भूत और पिशाच उसके नजदीक नहीं आ सकते हैं जहाँ आप का नाम लिया जाता हो। यह श्री हनुमान के नाम की महिमा है की कोई भी आसुरी शक्ति/नकारात्मक शक्ति उस स्थान के नजदीक भी नहीं जा सकती हैं जहाँ पर श्री हनुमान जी के नाम का सुमिरण किया जा सके।

Meaning in English : Hey Shree Hanuman ji, there is no alternate of your power, only you can handle your power and strength. All three worlds shiver with your roar. Ghosts and vampires cannot come near where your name is taken. It is the glory of Shri Hanuman's name (Evil Powers) that no devilish power / negative power can even go near the place where the name of Shri Hanuman can be recalled.

नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा,
संकट तें हनुमान छुड़ावै, मन क्रम बचन ध्यान जो लावै,

हिंदी में अर्थ : हे वीर बजरंगी, आपके नाम के निरंतर सुमिरण से सभी पीड़ाएँ और रोग शांत हो जाते हैं। जो भी निरंतर श्री हनुमान जी के नाम का सुमिरण करता है वह सभी पीड़ाओं और मुसीबतों से दूर रहता है। जो भी मन और वचन से बालाजी महाराज को याद करता है उसे सभी संकटों से हनुमान जी छुड़ा लेते हैं, ऐसी महिमा है श्री हनुमान जी के नाम सुमिरण की।
Meaning in English : O Veer Bajrangi, constant chanting of your name calms all pains and diseases. Whoever constantly remembers the name of Shri Hanuman ji stays away from all the sufferings and troubles. Whoever remembers Lord Shri Balaji Maharaj, with pure heart and through chanting, Hanuman ji saves him from all troubles, such is the glory of Sumiran in the name of Shree Hanuman ji.

सब पर राम तपस्वी राजा, तिन के काज सकल तुम साजा,
और मनोरथ जो कोई लावै, सोई अमित जीवन फल पावै,

हिंदी में अर्थ : सभी पर श्री तपस्वी राजा श्री राम हैं, जिनके सभी काज श्री हनुमान जी सँवारते हैं। यदि किसी का कोई अन्य मनोरथ (कामना) है तो श्री हनुमान जी के आशीर्वाद से वे सभी पूर्ण होते हैं।
Meaning in English : The greatest of all is Shri Ram Ji, Hanuman ji fulfills all the tasks of Shri Ram Ji. If anyone has wish they are all fulfilled with the blesing of lord shri Hanuman Ji.

चारों जुग परताप तुम्हारा, है परसिद्ध जगत उजियारा,
साधु संत के तुम रखवारे, असुर निकंदन राम दुलारे,

हिंदी में अर्थ : चारों युगों में (काल में) तुम्हारा ही प्रताप है और सम्पूर्ण जगत में तुम्हारे ही तेज का प्रकाश है। तुम साधु संत के रखवाले हो और असुरों को समाप्त करने वाले और श्री राम जी के प्रिय हो।
Meaning in English : In the four ages (Kaal), there are your glory spreads and in the whole world there is the light of your glory. You are the caretaker of a saint and a destroyer of Asuras and dear to Shri Ram Ji.

अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, अस बर दीन जानकी माता,
राम रसायन तुम्हरे पासा, सदा रहो रघुपति के दासा,

हिंदी में अर्थ : तुम अष्ट सिद्धि और नौ निधि के दाता हो और यह आपको माता सीता जी के आशीर्वाद से प्राप्त हुआ है। हे हनुमान जी आपके पास ही श्री राम जी की भक्ति का रसायन है (रहस्य है) आप सदा ही श्री राज जी के दास रहें।
Meaning in English : You are the donor of Ashta Siddhi and Nine Nidhi and you have received it with the blessings of Mata Sita ji. O Lord Hanuman ji, you have the chemistry of devotion to Shri Ram ji (there is a secret) you should always be servant of Shri Raj ji.

तुम्हरे भजन राम को पावै, जनम जनम के दुख बिसरावै,
अंत काल रघुबर पुर जाई, जहाँ जन्म हरिभक्त कहाई,

हिंदी में अर्थ : आपके सुमिरण और आपकी भक्ति करने से श्री राम जी प्राप्ति संभव है। आपकी भक्ति से जन्मों जन्मों के दुःख और संकट दूर होते हैं। सभी को अंत काल में आपके ही पास जाना है जहाँ पर सभी श्री राम के भक्त ही कहलाये जाने हैं।
Meaning in English : It is possible to attain Shri Ram ji by your Sumiran and your devotion. With your devotion, the sorrows and distresses of births are removed. Everyone has to go to you in the end, where all the devotees of Shri Rama are to be called.

और देवता चित्त न धरई, हनुमत सेई सर्ब सुख करई,
संकट कटै मिटै सब पीरा, जो सुमिरै हनुमत बलबीरा,

हिंदी में अर्थ : हे हनुमान जी, केवल आपकी भक्ति से ही सभी सुख प्राप्त हो जाते हैं, अन्य किसी देवता को चित्त में धरने की कोई आवश्यकता नहीं है। जो भी आपको (बलबीरा) याद करता है, आपके नाम का सुमिरण करता है उसके सभी संकट और कष्ट दूर हो जाते हैं।
Meaning in English : O Hanuman ji, only by your chanting, all happiness is attained, there is no need to pray any other. Whoever remembers you (Balbeera), remembers your name, all its troubles are removed.

जै जै जै हनुमान गोसाईं, कृपा करहु गुरु देव की नाईं,
जो सत बार पाठ कर कोई, छूटहि बंदि महा सुख होई,

हिंदी में अर्थ : हे हनुमान जी आपकी सदा ही विजय हो, हम सभी आपके यश का गान करते हैं। आप हम पर सर्वोच्च गुरु की भाँती आशीर्वाद दें। यो भी जातक (भक्त) इस हनुमान चालीसा का सौ बार पाठ करता है वह सभी प्रकार के दुखों और संकटों से मुक्त हो जाता है और उसे सभी सुखों की प्राप्ति होती है।
Meaning in English : O Lord Hanuman, always be your victory, we all sing your fame (by chanting lord hanuman ji name). May you bless us like a supreme master. Yo also the Jataka (devotee) recites this Hanuman Chalisa a hundred times, he is free from all kinds of sorrows and troubles and he gets all the happiness.

जो यह पढ़ै हनुमान चालीसा, होय सिद्धि साक्षी गौरीसा,
तुलसीदास सदा हरि चेरा, कीजै नाथ हृदय मँह डेरा,

हिंदी में अर्थ : जो भी चालीसा (हनुमान चालीसा) का पाठ करता है वह सभी सिद्धियों को प्राप्त करता है , भगवान शिव इस बात के साक्षी हैं। तुलसीदास जी सदा ईश्वर की भक्ति करते हैं और प्रार्थना करते हैं की उनके हृदय में सदा ही प्रभु का वाश हो।
Meaning in English : Whoever recites the Chalisa (Hanuman Chalisa) attains all the siddhis, Lord Shiva is witness to this. Tulsidas always praises God and prays that God should always be in his heart.

दोहा
पवनतनय संकट हरन, मंगल मूरति रूप,
राम लखन सीता सहित हृदय बसहु सुर भूप,

हिंदी में अर्थ : श्री हनुमान जी, जो पवन के पुत्र हैं और जिनका रूप ही कल्याणकारी है। श्री राम, लक्ष्मण और सीता सहित आप (हनुमान जी) मेरे हृदय में वास करो। जय बजरंग बली। 

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