Jab Jab Hum Dadi Ka Mangal Paath karte Hai
जब जब हम दादी का, मंगल पाठ करते हैं,
साक्षात धनयाणी से, हम बात करते हैं,
जो मंगल पाठ कराते हैं, उनके रहते हरदम ठाठ,
जहाँ ये पाठ होता है, वहाँ हो खुशियों की बरसात,
जब जब हम दादी की, जयकार करते हैं,
साक्षात धनयाणी से, हम बात करते हैं,
के कोई चूड़ला लाता है, कोई चुनड़ी लाता है,
कोई गजरा लाता है, के कोई मेहँदी लाता है,
जब जब हम दादी का, सिणगार करते हैं,
साक्षात धनयाणी से, हम बात करते हैं,
बधाई सबको मिलती है, ख़जाना सब कोई पाते हैं,
दादी जी का "कैलाशी" (गायक) , मिलकर लाड़ लडाते हैं,
जब जब हम दादी की, मनुहार करते हैं,
साक्षात धनयाणी से, हम बात करते हैं,
जब जब हम दादी का, मंगल पाठ करते हैं,
साक्षात धनयाणी से, हम बात करते हैं,
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Author - Saroj Jangir
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