रानी सती आज मेरे घर आईं भजन
रानी सती आज मेरे घर आईं, घर आईं माँ घर आई,
मुझपे तरस ये खा गईं, और मेरा मान बढ़ा गईं,
रानी सती आज मेरे घर आईं, घर आईं माँ घर आईं,
सुन ली मेरी दादी ने फ़रियाद, रख ली माँ ने बेटी की अब लाज,
अरजी मेरी इसने सुनी, अरजी मेरी इसने सुनी,
मेरा साथ निभा गईं, और दुनिया को दिखला गई,
रानी सती आज मेरे घर आईं, घर आईं माँ घर आईं,
रानी सती आज मेरे घर आईं, घर आईं माँ घर आईं,
कैसे करूँ मैं दादी का सत्कार, बेटी तो बस दे सकती है प्यार,
सुख की घड़ी आई बड़ी, सुख की घड़ी आई बड़ी,
ये साँची प्रीत निभा गई, और रुखा सूखा खा गईं,
रानी सती आज मेरे घर आईं, घर आईं माँ घर आईं,
रानी सती आज मेरे घर आईं, घर आईं माँ घर आईं,
दिल में मेरे दादी की तस्वीर "हर्ष"
(विनोद अग्रवाल जी 'हर्ष' ) जगी है आज मेरी तकदीर,
माँ के भजन गाऊं सदा, माँ के भजन गाऊं सदा,
ये मुझसे प्यार जता गई, और सिंह पे चढ़ कर आ गईं,
रानी सती आज मेरे घर आईं, घर आईं माँ घर आईं,
रानी सती आज मेरे घर आईं, घर आईं माँ घर आईं,
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Author - Saroj Jangir
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