मिलता यहाँ प्यार से खाटू दरबार से भजन
जिसको जितना चाहे ले लो, लेलो लख दातार से,
मिलता यहाँ प्यार से, खाटू दरबार से,
देने वाले श्याम प्रभु तो फिर काहे घबराता है,
श्याम से बढ़कर इस दुनिया में कोई ना दानी दाता है,
हसी उड़ाए कभी ना भागो इस झूठे संसार से,
हरे कृष्णा, हरे कृष्णा, कृष्णा कृष्णा, हरे हरे,
हरे रामा, हरे रामा, रामा रामा, हरे हरे,
ये झूठी दुनिया वाले तो किसी काम ना आएंगे,
पड़े मुसीबत में तो सबके बंद दरवाजे पाएंगे,
कभी ना इज्जत शोहरत मिलती धोखे के व्यापर से,
श्याम नाम की दौलत प्यारे जिसको भी मिल जाती है,
दिन दुगनी और रात चौगनी बढ़ती ही ये जाती है,
भीम सैन मिले श्रद्धा से ये मिलती ना तकरार से,
हरे कृष्णा, हरे कृष्णा, कृष्णा कृष्णा, हरे हरे,
हरे रामा, हरे रामा, रामा रामा, हरे हरे,
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