आयो सपने में एक ग्वाल सखी लिरिक्स Aayo Sapane Me Ek Gwal Sakhi Lyrics

आयो सपने में एक ग्वाल सखी लिरिक्स Aayo Sapane Me Ek Gwal Sakhi Lyrics

 
आयो सपने में एक ग्वाल सखी लिरिक्स Aayo Sapane Me Ek Gwal Sakhi Lyrics

आयो सपने में एक ग्वाल सखी,
चैन चुराके अति मुस्काए,
कभी छेड़े कभी बैयाँ मरोड़े,
मधुर मधुर फिर बंशी बजाए,
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेव,

काली घटा जैसे घुंघराले लट,
होंठ कमल के पुष्प सरीखे,
चितवन ऐसी मनभावन,
देखे जो भूले फिर कैसे,
छीन लिया चित साँवरे ने,
मन की व्यथा अब कहीं ना जाए,
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेव,
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेव,

नैन मिलाए, हृदय सकुचाए,
जादूगर वो जादू दिखाए,
देखूँ जिधर भी श्याम दिखे मुझे,
लीला न्यारी समझ ना आये,
हर्षित मन भयो देख साँवरे को,
हृदय कहे गोपाल मन भाए,
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेव,
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेव,
आयो सपने में एक ग्वाल सखी,
चैन चुराके अति मुस्काए,
कभी छेड़े कभी बैयाँ मरोड़े,
मधुर मधुर फिर बंशी बजाए,
श्री कृष्ण गोविन्द हरे मुरारी,
हे नाथ नारायण वासुदेव,


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