बनु दास जनम जनम तक यो ही आयो

बनु दास जनम जनम तक यो ही आयो

(मुखड़ा)
बनु दास जनम-जनम तक,
यो ही आयो मांगने,
मैया थारै आंगणे,
मैया थारै आंगणे।।

(अंतरा)
मंगल गाऊँ, घर-घर जाकर,
थासु मिल्यो उपहार,
देके सेवा, ई जनम में,
बहुत कियो उपकार,
मौज उड़ावा म्हे तो,
दादी थारे कारणे,
मैया थारै आंगणे,
मैया थारै आंगणे।।

मानव तन जो पाऊँ फिर से,
मंगल मैं गाउँ,
पंछी जीवन म्हने द्यो तो,
यो ही मैं चाहूँ,
बनके मोरियो मैं नाचू,
मंदिरिये के बारने,
मैया थारै आंगणे,
मैया थारै आंगणे।।

चाहे बना ले, श्याम ने दादी,
निज चरणा री धूल,
चरण चाकरी करने में,
म्हासु होवे कदी ना भूल,
म्हणे भी तारो मैया,
बैठ्या सबने तारने,
मैया थारै आंगणे,
मैया थारै आंगणे।।

(अंतिम पुनरावृत्ति)
बनु दास जनम-जनम तक,
यो ही आयो मांगने,
मैया थारै आंगणे,
मैया थारै आंगणे।।
 


दिल को छू लेगा यह भजन ~बनू दास जनम जनम तक ~ Ujjwal Khakholia ~ RaniSati Dadi Bhajan 2021
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