मैं उस दरबार का सेवक हूँ लिरिक्स Main Us Darbaar Ka Sevak Hu Lyrics

मैं उस दरबार का सेवक हूँ लिरिक्स Main Us Darbaar Ka Sevak Hu Lyrics

 
मैं उस दरबार का सेवक हूँ लिरिक्स Main Us Darbaar Ka Sevak Hu Lyrics

मैं उस दरबार का सेवक हूँ, जिस दर की अमर कहानी है,
मैं गर्व से ज़ग में कहता हूँ, मेरा मालिक शीश का दानी है,
मै उस दरबार का सेवक हूँ,

इनकें दरबार के नौकर भी, दुनियाँ में सेठ कहाते हैं,
जिनकों है मिली सेवा इनकी, वो किस्मत पे इतराते हैं,
जो श्याम की सेवा ऱोज करे, वो रात दिवस फिर मौज करे,
जिन पे है ईनायत बाबा की, खुद खुशियाँ उनकी ख़ोज करे,
मै उस दरबार का सेवक हूँ, जिस दर की अमर कहानी है,
मैं गर्व से जग में कहता हूँ, मेरा मालिक शीश का दानी है,
मै उस दरबार का सेवक हूँ,


जब भी कोई चित्कार करे, तो इनका सिंहासन हिलता है,
ये रोक नही पाता खुद को, झट जा कर उससे मिलता है,
जो श्याम प्रभु से आस करे, बाबा ना उनको निराश करे,
उन्हें खुद ये ऱाह दिखाता है, जो आँख मूंद विश्वास करे,
मै उस दरबार का सेवक हूँ, जिस दर की अमर कहानी है,
मैं गर्व से जग में कहता हूँ, मेरा मालिक शीश का दानी है,
मै उस दरबार का सेवक हूँ,

जिसने भी श्याम की चौखट पर, आ कर के माथा टेका है,
उस ने मुड़ करके जीवन में, वापस ना फिर कभी देखा है,
"माधव" (लेखक :अभिषेक शर्मा -माधव) जब श्याम सहारा है, तो जीवन में पौबारा है,
जो हार गया एक बार यहां, वो हारा नही दोबारा है,
मै उस दरबार का सेवक हूँ, जिस दर की अमर कहानी है,
मैं गर्व से जग़ में कहता हूँ, मेरा मालिक शीश का दानी है,
मैं उस दरबार का सेवक हूँ, जिस दर की अमर कहानी है,
मैं गर्व से जग में कहता हूँ, मेरा मालिक शीश का दानी है,
मै उस दरबार का सेवक हूँ,


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#बर्बरीक: खाटूश्याम के बचपन का नाम बर्बरीक था। शीश के दानी: सचमुच: "सिर के दाता"; उपरोक्त कथा के अनुसार। हारे का सहारा: सचमुच: "पराजित का समर्थन"; अपनी माँ की सलाह पर, बर्बरीक ने समर्थन करने का संकल्प लिया कि जिसके पास भी कम शक्ति है और वह हार रहा है। उसी के साथ युद्ध करेगा इसलिए इस नाम से जाना जाता है। किशोर बाण धारी: सचमुच: "तीन तीरों के वाहक"; संदर्भ तीन अचूक बाणों का है जो उन्हें भगवान शिव से वरदान के रूप में प्राप्त हुआ था। ये तीर पूरी दुनिया को तबाह करने के लिए पर्याप्त थे। इन तीनों तीरों के नीचे लिखा गया शीर्षक है, मैम सेव्यम परजीतह। लखा-दातरी: सचमुच: "द मुनिवर दाता"; जो कभी भी अपने भक्तों को जो कुछ भी चाहिए और मांगने में संकोच नहीं करता है। लीला के अस्वार: सचमुच: "लीला का सवार"; उनके नीले रंग के घोड़े का नाम होने के नाते। कई लोग इसे नीला घोड़ा या "नीला घोड़ा" कहते हैं। खाटू नरेश: सचमुच: "खाटू के राजा"; वह जिसने पूरे ब्रह्मांड और खाटू पर राज किया। 

Singer - Sanjay Mittal
Lyrics - Abhishek Sharma Madhav
Music - Dipankar Saha
Studio - Kamlesh Droliyaz
Video By - Shyam Creations
Label - Saawariya

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1 Comments
  • बेनामी
    बेनामी 12/02/2022

    Jai sri shyam

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