सर्पगंधा चूर्ण और अनिंद्रा विकार Sarpgandha Churna Ke Fayde

सर्पगंधा चूर्ण और अनिंद्रा विकार Sarpgandha Churna Ke Fayde Rauwolfia in the Treatment of Hypertension Hindi

सर्पगंधा चूर्ण और अनिंद्रा विकार Sarpgandha Churna Ke Fayde

श्री बालकृष्ण जी ने सर्पगंधा के औषधीय पहलू पर ना केवल प्रकाश डाला है बल्कि सर्पगंधा के संरक्षण के सबंध में भी लोगों को जानकारी दी है। सर्प गंधा का उपयोग ओषधिय रूप से पारंपरिक रूप से किया जाता रहा है। आज हमें इस दिव्य ओषधिय गुणों से परिपूर्ण हर्ब को बचाने की आवश्यकता है क्यों की कटते जंगल और कमजोर प्रजनन के कारण सर्पगंधा विलुप्त होने के कगार पर आ चुकी है। हालांकि वर्तमान में इसको बचाने और व्यावसायिक खेती के लिए प्रयत्न किये जा रहे हैं। पारम्परिक रूप से सर्पगंधा के जड़ों को सुखा कर इसका फाइन चूर्ण बना लिया जाता है और उसे ही सेवन किया जाता है, इसके अतिरिक्त इसकी छाल, और पत्तियों का उपयोग भी ओषधिय रूप से किया जाता है। साँप और बिच्छु, जहरीली मकड़ी के काटने पर सर्पगंधा का उपयोग विष के असर को कम करने के लिए होता है। पागलपन दूर करने के गुणों के कारण ही इसे पागलों की दवा भी कहा जाता है।


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जहां उच्च रक्तचाप और गर्भाधान के दर्द सबंधी विकारों में सर्पगंधा का उपयोग किया जाता रहा है वहीँ पर जहरीले जंतुओं के काटने पर होने वाले दर्द/विष के प्रभाव को कम करने में भी सर्पगंधा का उपयोग होता है। उच्च रक्तचाप को कम करने के गुणों के कारण ही "दिव्य मुक्ता वटी" में इसका प्रयोग होता है।
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सर्पगंधा चूर्ण और अनिंद्रा विकार Rauwolfia in the Treatment of Hypertension Hindi

सर्पगंधा चूर्ण के सेवन से अनिंद्रा, तनाव, चिंता और उच्च रक्तचाप में सुधार होता है। सर्पगंधा में सेरोटोनिन पाया जाता है, जिस कारण यह बेहतर नींद के लिए उपयोगी होता है। सर्पगंधा के उपयाेग से इंसोमनिया (Insomnia) विकार में लाभ मिलता है। सर्पगंधादि चूर्ण, निन्दाकार वटी भी अनिंद्रा विकार में लाभकारी होती है। इसके सेवन से व्यक्ति को मानसिक शान्ति प्राप्त होती है और उसकी तेज चल रही नाड़ी भी नियंत्रित होती है। मानसिक विकारों को दूर करने, पागलपन को दूर करने के लिए भी पारम्परिक रूप से सर्पगंधा चूर्ण का इस्तेमाल होता है।

वर्तमान में अनिंद्रा के लिए जो ओषधियाँ प्रचलन में हैं उनके अतिरिक्त सर्पगंधा चूर्ण के सेवन से जहां अनिंद्रा रोग में लाभ मिलता है वहीँ इसके कोई दुष्परिणाम नहीं होते हैं। लेकिन वैद्य की सलाह के उपरान्त ही इसकी निश्चित मात्रा का सेवन किया जाना चाहिए।

सर्पगंधा चूर्ण का सेवन कैसे करें Ayurvedic use Rauvolfia Root (Sarpgandha)

यदि आप इस चूर्ण का सेवन करना चाहते हैं तो आप वैद्य की सलाह के उपरान्त ही इसका सेवन करें क्योंकि यह एक अति तीव्र ओषधि है जिसके दुष्परिणाम भी हो सकते हैं। किसी भी रोगी की उम्र, शरीर की तासीर और रोक के प्रकार के मुताबिक़ इसकी मात्रा और सेवन का तरीका भिन्न होता है।
अनिंद्रा के कारण causes of insomnia in hindi अनिंद्रा का सबंध केवल नींद ना आने तक ही सिमित नहीं है, यदि समुचित नींद ना आये तो व्यक्ति कई प्रकार के मानसिक और शारीरिक विकारों से घिर जाता है। जहाँ इसका इलाज है वहीँ पर यह भी महत्वपूर्ण है की आप अपने स्तर पर कैसे अनिंद्रा को दूर कर सकते हैं।

योगाभ्यास करें, प्राणायाम करें, ध्यान लगाने की कोशिश करें और सुबह शाम सैर करे। अनिंद्रा विकार में आप सुबह शाम लम्बी स्वाँस लेकर मस्तिष्क में ओक्सिजन की मात्रा को बढ़ाएं।
किसी विषय पर बार बार सोचने की आदत को पहचान कर उसे दूर करने की कोशिश करें।
सोते वक़्त मोबाइल, टीवी आदि का इस्तेमाल नहीं करें।
सोने का स्थान हवादार और ज्यादा प्रकाश वाला नहीं होना चाहिए।
सोते वक़्त धुम्रपान और चाय काफी का सेवन नहीं करें।
चार गिरी बादाम और आधी गिरी अखरोट की रात को कांच के गिलास में पानी में भिगो दें। सुबह खाली पेट इसको सिलबट्टे पर पीस कर देसी गाय के दूध के साथ इसका सेवन करें। इससे परिणाम शीघ्र प्राप्त होते है, मस्तिस्क में इससे ठंडक बनती है, मानसिक शांति प्राप्त होती है और रात को नींद में सुधार होता है। उत्तम लाभ के लिए आप सिलबट्टे पर इसे घिसे और लकड़ी के डंडे का ही उपयोग करे, आप मगज के बीज का उपयोग भी इनके साथ ही भिगो कर कर सकते हैं। 


रात को आप सोने के वक़्त हल्का से गुनगुने दूध के साथ "ब्राह्मी वटी" के सेवन से भी लाभ मिलता है।
सर, तलुओं और नाक में बादाम का तेल /रोगन डालने से लाभ मिलता है।
दिव्य मेघावटी के सेवन से भी लाभ मिलता है।

सन्दर्भ :


The author of this blog, Saroj Jangir (Admin), is a distinguished expert in the field of Ayurvedic Granths. She has a diploma in Naturopathy and Yogic Sciences. This blog post, penned by me, shares insights based on ancient Ayurvedic texts such as Charak Samhita, Bhav Prakash Nighantu, and Ras Tantra Sar Samhita. Drawing from an in-depth study and knowledge of these scriptures, Saroj Jangir has presented Ayurvedic Knowledge and lifestyle recommendations in a simple and effective manner. Her aim is to guide readers towards a healthy life and to highlight the significance of natural remedies in Ayurveda.
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