धाम में नगर ओरछा धाम जहाँ पर बिराजै लिरिक्स Dham Me Nagar Orcjha Dhaam Lyrics
धाम में नगर ओरछा धाम,
जहाँ पर बिराजै राजा राम,
न्योछावर छवि पर कोटिन काम,
प्रीत मुकुट सा कोट देतवा,
चरण पखारें हैं,
भक्तजन के रखवारे हैं,
धाम में नगर ओरछा धाम,
जहाँ पर बिराजै राजा राम,
नगर प्रवेश प्रथम दरवाजा,
बिराजै गौरी नंदन,
केशव चंद्र सखी जहाँ जन्में,
उस भूमि को वंदन,
वीर सिंह से वीर हए,
दुष्टन संघारे हैं,
प्रीत मुकुट सा कोट देतवा,
चरण पखारें हैं,
धाम में नगर ओरछा धाम,
मंदिर द्वारे करत स्तुति,
सावन भादो खम्बा,
जय हो चतुर्भुजी मंदिर की,
जगत जननी जगदम्बा,
राम भक्त संतों के यहाँ,
प्राचीन अखाड़े हैं,
प्रीत मुकुट सा कोट देतवा,
चरण पखारें हैं, धाम में नगर ओरछा धाम,
परबत शिखर गरुड़ पाहन सा,
लक्ष्मी मंदिर प्यारा,
चूमें गगन शिखर जिसका,
वह चतुर्भुजी है न्यारा,
सिंह वाहिनी हर सिद्धि के,
कनक वाले हैं,
प्रीत मुकुट सा कोट देतवा,
चरण पखारें हैं, धाम में नगर ओरछा धाम,
प्रथ दिन रात अवध को करते,
राम लला को प्रस्थान,
प्रभु को लेकर जाते हैं,
श्री पाताली हनुमान,
अंजनी पुत्र महाबल शाली,
राम दुलारे हैं
प्रीत मुकुट सा कोट देतवा,
चरण पखारें हैं, धाम में नगर ओरछा धाम,
आन पे प्राण बिसार दिए,
हरदौल बुन्देल लाला,
भाभी माँ की लाज बचाने,
पी गए थे विष प्याला,
लाज रखी मरकर बहनों की,
जग उजियारे हैं,
प्रीत मुकुट सा कोट देतवा,
चरण पखारें हैं, धाम में नगर ओरछा धाम,
बुंदेलों की धरती का है,
यह पावन इतिहास,
शरण पड़ा है अधम पाप की,
आपके ओमप्रकाश, (लेखक-Om Prakash Dubey)
भव सागर से पार लगादो,
शरण तुम्हारे हैं,
प्रीत मुकुट सा कोट देतवा,
चरण पखारें हैं, धाम में नगर ओरछा धाम,
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