फोड़े क्यों मटकी मेरी तन्ने सारी दही बिखेरी लिरिक्स Fode Kyo Mataki Meri Tanne Saari Dahi Bikheri Lyrics
फोड़े क्यों मटकी मेरी तन्ने सारी दही बिखेरी,
आज यशोदा माँ से मैं करूँ शिकायत तेरी,
आती जाती ने तू सतावे लाज शर्म तने कत्ति ना आवे,
घा ले ज्या सै घेरी मैं करूँ शिकायत तेरी,
फोड़े क्यों मटकी मेरी तन्ने सारी दही बिखेरी,
आज यशोदा माँ से मैं करूँ शिकायत तेरी,
रोज का मेरा आणा जाणा, छेड़न का तन्ने चाहिए बहाणा,
जान मरण में मेरी मैं करूँ शिकायत तेरी,
फोड़े क्यों मटकी मेरी तन्ने सारी दही बिखेरी,
आज यशोदा माँ से मैं करूँ शिकायत तेरी,
फौजी सुरेश लिखे ज्या तू छंद,
आ रहा सै इकबाल ने आनंद,
कलम चले जा तेरी, मैं करूँ शिकायत तेरी,
फोड़े क्यों मटकी मेरी तन्ने सारी दही बिखेरी,
आज यशोदा माँ से मैं करूँ शिकायत तेरी,
आती जाती ने तू सतावे लाज शर्म तने कत्ति ना आवे,
घा ले ज्या सै घेरी मैं करूँ शिकायत तेरी,
फोड़े क्यों मटकी मेरी तन्ने सारी दही बिखेरी,
आज यशोदा माँ से मैं करूँ शिकायत तेरी,
रोज का मेरा आणा जाणा, छेड़न का तन्ने चाहिए बहाणा,
जान मरण में मेरी मैं करूँ शिकायत तेरी,
फोड़े क्यों मटकी मेरी तन्ने सारी दही बिखेरी,
आज यशोदा माँ से मैं करूँ शिकायत तेरी,
फौजी सुरेश लिखे ज्या तू छंद,
आ रहा सै इकबाल ने आनंद,
कलम चले जा तेरी, मैं करूँ शिकायत तेरी,
फोड़े क्यों मटकी मेरी तन्ने सारी दही बिखेरी,
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