कहत हनुमान जय श्री राम लिरिक्स Kahat Hanuman Jay Shri Ram Bhajan Lyrics
श्री राम जय राम, जय जय राम
कहत हनुमान जय श्री राम,
लगा के सिंदूर बदन पे
पाने को श्री राम का प्यार
महावीर विक्रम बजरंगी
कहत हनुमान जय श्री राम
भूख के मारे पवन वेग से
उड़ के गए सूरज के पास
निगल गए जो समझ के फल को
कहत हनुमान जय श्री राम
प्राण से प्यारे रामचंद्र के
भाई लखन की बचाने जान
ले आए पर्वत उखाड़कर
कहत हनुमान जय श्री राम
करे जो रघुपाती जी का ध्यान
मिल जाएँगे स्वयं हनुमान
भक्त शिरोमणि हैं भगवान
कहत हनुमान जय श्री राम
सामने सबके बिना हिचक के
राम भक्ति की दी पहचान
प्रसन्न मुख से चिर के सीना
कहत हनुमान जय श्री राम
श्री राम जय राम जय जय राम
कहत हनुमान जय श्री राम
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