भक्तों के खातिर मैया धरती है रूप हजार
भक्तों के खातिर मैया,
धरती है रूप हजार,
ना जाने किस रूप में,
हो जाए दीदार।।
उसे पुकारो कोई नाम से,
माँ संकठा अम्बे रानी,
लक्ष्मी, काली, सरस्वती,
शेरा वाली या वरदानी,
माँ के चरणों से जिस दिन,
तेरा जुड़ जाएगा तार,
ना जाने किस रूप में,
हो जाए दीदार।।
दया दृष्टि है सब पर माँ की,
यह विश्वास हमारा है,
पर कितनी श्रद्धा भक्ति से,
माँ का नाम उचारा है,
तेरी विनती वो सुन लेगी,
तेरा भर देगी भंडार,
ना जाने किस रूप में,
हो जाए दीदार।।
महिमा अपरंपार है माँ की,
देव दनुज सबने ध्याया,
‘परशुराम’ क्या शक्ति बिन,
कोई एक कदम चल पाया,
तेरे जीवन की नैया की,
माँ ही है खेवनहार,
ना जाने किस रूप में,
हो जाए दीदार।।
भक्तों के खातिर मईया,
धरती है रूप हजार,
ना जाने किस रूप में,
हो जाए दीदार।।
मईया के अनेको रूप || Devi Bhajan || MA DURGA KA NEW HIT BHAJAN ||