रथड़ो मोड़ दो माजीसा थारै भक्ता

रथड़ो मोड़ दो माजीसा थारै भक्ता की ओर भजन

 (मुखड़ा)
रथड़ो मोड़ दो माजीसा,
थारै भक्ता की ओर,
टाबरिया बुलावे मैया,
आवो म्हारी ओर,
आवो म्हारी ओर,
मैया आओ म्हारी ओर,
टाबरिया बुलावे मैया,
आवो म्हारी ओर।।

(अंतरा)
मैं कदसू अर्जी कीनी,
थै नहीं सुणीया माजीसा,
कोई अर्जी पढ़कर मैया,
कर लो थोड़ा गौर,
टाबरिया बुलावे मैया,
आवो म्हारी ओर।।

खींच लो नकेल थारे,
रथड़ा री माजीसा,
ढीली छोड़यां माता,
थाने ले जासी कठै ओर,
टाबरिया बुलावे मैया,
आवो म्हारी ओर।।

दास कवै यो,
प्रेम को नातो,
कोई प्रीत के बंधन की माता,
कसके बांधो डोर,
टाबरिया बुलावे मैया,
आवो म्हारी ओर।।

(पुनरावृति)
रथड़ो मोड़ दो माजीसा,
थारै भक्ता की ओर,
टाबरिया बुलावे मैया,
आवो म्हारी ओर,
आवो म्हारी ओर,
मैया आओ म्हारी ओर,
टाबरिया बुलावे मैया,
आवो म्हारी ओर।।


Rathdo Mod Do by Uma Sharma Chittoragh.  माता के भक्त उसे पुकार रहे हैं और चाहते हैं कि वह अपने भक्तों की ओर रथ मोड़ लें। भक्त अपनी विनती सुनाने की आशा में माता से अर्जी लगा रहे हैं। प्रेम और भक्ति के इस नाते को गहराई से बांधने की प्रार्थना की जा रही है।
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