Manne Bahu Badal Di Char Par Ek Na Dhang Ki Aai
हे रे मन्ने बहू बदल दी चार,
पर एक ना ढ़ंग की आई,
मेरी पहली बहू जब आई,
संग लड़का लड़की ल्याई,
हे रे उसके पीछे सत्तर यार,
म्हारे ना घर आया जाइ,
हे रे मन्ने बहू बदल दी चार,
पर एक ना ढ़ंग की आई,
बहू दूजी ल्याया घर में,
दिया मूँद एक दिन घर में,
हे रे एक रात में दसियो बार,
मेरी दब्ब के करी धुलाई,
हे रे मन्ने बहू बदल दी चार,
पर एक ना ढ़ंग की आई,
बहू तीजी ल्याया कबाड़ा,
ग़ज भर के लटके नाड़ा,
हेरे रे उसने फेंकी शर्म उतार,
वा कूद होद (कुंड) में न्हायी,
हे रे मन्ने बहू बदल दी चार,
पर एक ना ढ़ंग की आई,
बहू चौथी घा मेरे कर गी,
मैंने छोड़ जेठ के बड़ गी,
जेठ ने ले के हुई फरार,
मैंने ढूंढी पर ना पाई,
हे रे मन्ने बहू बदल दी चार,
पर एक ना ढ़ंग की आई,
हे रे मन्ने बहू बदल दी चार,
पर एक ना ढ़ंग की आई,
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मनै बहु बदल दी चार पर एक ना ढंग की आई - Haryanvi Folk Song || MANNE BAHU BADAL DI CHAR (LOKGEET)
Song - Manne Bahu Badal Di Char
Singer - Meenakshi MukeshMusic - Hovi Sharma
Lyrics & Composer - Traditional
Editing - KV Sain
Label - Fine Digital Video
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