मरुधर में जोत जगाय गयो बाबो धोली ध्वजा लिरिक्स Marudhar Me Jot Jagaay Gayo Lyrics
मरुधर में जोत जगाय गयो,
बाबो धोली ध्वजा फरकाय गयो,
मरुधर में जोत जगाय गयो,
बाबो धोली ध्वजा फरकाय गयो,
म्हारों साँवरियो गिरधारी,
बणियों पचरंग पेचा धारी,
भगताँ रे कारण,
अजमल घर अवतार लियो,
कसुमल केसरीया,
बागा रो सिणगार कियो रे,
मरुधर में जोत जगाय गयो,
बाबो धोली ध्वजा फरकाय गयो,
राजा अजमल पूण्य कमायो,
थानें पुत्र रूप में पायो,
मैणादे लाड़ लड़ायो,
मायड़ बण दूध पिलायो,
भादरवा री बीज ने आय गयो,
चाँनणीयाँ सूं चमकाय गयो,
बाई सुगणा आरती गावै,
भाटी हरजी चँवर धुलावे,
श्री लक्ष्मी रूप नेतलदे,
संग में ब्याव कियो,
कसुमल केसरीया,
बागां रो सिणगार कियो
रे मरुधर में जोत जगाय गयो,
बाबो धोली ध्वजा फरकाय गयो,
म्हारो साँवरियो गिरधारी, बणियों पचरंग पेचा धारी,
भगताँ रे कारण, अजमल घर अवतार लियो,
बाबो हिंदुवा पीर कहायो,
रूणिचा नगर बसायो,
कोई उँचो नाहीं नीचो,
सब भेद भाव ने मिटायो,
धौरा धलिया में आई गयो,
तंदूरा रा तान बजाय गयो,
बाबो तुर्रा किलंगी धारी,
लीला घोड़े की असवारी,
कलयुग में बाबा,
पगल्या ने पुजवाय गयो,
कसुमल केसरीया,
बागा रो सिणगार कियो
कसुमल केसरीया,
बागां रो सिणगार कियो
रे मरुधर में जोत जगाय गयो,
बाबो धोली ध्वजा फरकाय गयो,
म्हारो साँवरियो गिरधारी,
बणियों पचरंग पेचा धारी, भगताँ रे कारण,
अजमल घर अवतार लियो,
⭐⭐⭐⭐रुण झुण बाजे घूँघरा लिरिक्स
बिछड़योडा मीत मिलावै,
बाबो मन री आस पुरावै,
भक्ता री लाज बचावे,
जो ध्यावे परचो पावे,
हरजी भाटी गुण गाय रह्यो,
गोपालो शरणे आय गयो,
बाबो निकलण नेजा धारी,
जारी कीरत जग में भारी,
शरणा आयोड़ा भक्ता, रो उद्धार कियो,
कसुमल केसरीया, बागा रो सिणगार कियो,
म्हारों साँवरियो गिरधारी,
बणियों पचरंग पेचा धारी,
भगताँ रे कारण,
अजमल घर अवतार लियो,
कसुमल केसरीया,
बागा रो सिणगार कियो रे,
मरुधर में जोत जगाय गयो,
बाबो धोली ध्वजा फरकाय गयो,
बाबो धोली ध्वजा फरकाय गयो,
मरुधर में जोत जगाय गयो,
बाबो धोली ध्वजा फरकाय गयो,
म्हारों साँवरियो गिरधारी,
बणियों पचरंग पेचा धारी,
भगताँ रे कारण,
अजमल घर अवतार लियो,
कसुमल केसरीया,
बागा रो सिणगार कियो रे,
मरुधर में जोत जगाय गयो,
बाबो धोली ध्वजा फरकाय गयो,
राजा अजमल पूण्य कमायो,
थानें पुत्र रूप में पायो,
मैणादे लाड़ लड़ायो,
मायड़ बण दूध पिलायो,
भादरवा री बीज ने आय गयो,
चाँनणीयाँ सूं चमकाय गयो,
बाई सुगणा आरती गावै,
भाटी हरजी चँवर धुलावे,
श्री लक्ष्मी रूप नेतलदे,
संग में ब्याव कियो,
कसुमल केसरीया,
बागां रो सिणगार कियो
रे मरुधर में जोत जगाय गयो,
बाबो धोली ध्वजा फरकाय गयो,
म्हारो साँवरियो गिरधारी, बणियों पचरंग पेचा धारी,
भगताँ रे कारण, अजमल घर अवतार लियो,
बाबो हिंदुवा पीर कहायो,
रूणिचा नगर बसायो,
कोई उँचो नाहीं नीचो,
सब भेद भाव ने मिटायो,
धौरा धलिया में आई गयो,
तंदूरा रा तान बजाय गयो,
बाबो तुर्रा किलंगी धारी,
लीला घोड़े की असवारी,
कलयुग में बाबा,
पगल्या ने पुजवाय गयो,
कसुमल केसरीया,
बागा रो सिणगार कियो
कसुमल केसरीया,
बागां रो सिणगार कियो
रे मरुधर में जोत जगाय गयो,
बाबो धोली ध्वजा फरकाय गयो,
म्हारो साँवरियो गिरधारी,
बणियों पचरंग पेचा धारी, भगताँ रे कारण,
अजमल घर अवतार लियो,
⭐⭐⭐⭐रुण झुण बाजे घूँघरा लिरिक्स
बिछड़योडा मीत मिलावै,
बाबो मन री आस पुरावै,
भक्ता री लाज बचावे,
जो ध्यावे परचो पावे,
हरजी भाटी गुण गाय रह्यो,
गोपालो शरणे आय गयो,
बाबो निकलण नेजा धारी,
जारी कीरत जग में भारी,
शरणा आयोड़ा भक्ता, रो उद्धार कियो,
कसुमल केसरीया, बागा रो सिणगार कियो,
म्हारों साँवरियो गिरधारी,
बणियों पचरंग पेचा धारी,
भगताँ रे कारण,
अजमल घर अवतार लियो,
कसुमल केसरीया,
बागा रो सिणगार कियो रे,
मरुधर में जोत जगाय गयो,
बाबो धोली ध्वजा फरकाय गयो,
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