राधा तेरी गलियों में आऊँगा ज़रुर लिरिक्स Radha Teri Galiyo Me Aaunga Jarur Lyrics
राधा तेरी गलियों में आऊँगा ज़रुर,
धीरे धीरे मुरली बजाऊँगा ज़रूर,
मात यशोदा के ये बोला, सिलवा दो मुझको इक झोला,
मुझको इक झोला, मुझकों इक झोला,
मैया दिया हाथ का झोला, कान कही काहे मन डोला,
गइयाँ चराने मैं जाऊँगा ज़रूर,
धीरे धीरे मुरली बजाऊँगा ज़रूर,
मधुवन बीच गए नंदलाला, हाथ में झंडी कंबल काला,
कंबल काला, कंबल काला,
आज कन्हैयाँ बन गये ग्वालें मन हरषा रहे गोपाला,
राधा तेरी दहियाँ मैं खाऊगा जरूर,
धीरे धीरे मुरली बजाऊँगा ज़रूर,
राधा तेरी गलियों में आऊँगा ज़रुर,
धीरे धीरे मुरली बजाऊँगा ज़रूर,
मन मनिहार बने जब कान्हाँ, पहुँच गये तो मोहन बरसाना,
मोहन बरसाना, मोहन बरसाना,
छलिया छल कर गया दीवाना राधा ने जाना पहचाना,
राधा तुझे चूड़ी पहनाऊँगा जरूर,
धीरे धीरे मुरली बजाऊँगा ज़रूर,
राधा तेरी गलियों में आऊँगा ज़रुर,
धीरे धीरे मुरली बजाऊँगा ज़रूर,
ग्वाल बाल सँग चले कनाही, उधम करन को फ़ौज बनाई,
छींटे छड़े गुजरियाँ आई पकड़े गये मार जब खाई,
चोरी चोरी मैं माखन खाऊँगा जरूर,
धीरे धीरे मुरली बजाऊँगा ज़रूर,
राधा तेरी गलियों में आऊँगा ज़रुर,
धीरे धीरे मुरली बजाऊँगा ज़रूर,
पनघट पर पहुँची पनहारी, नेजू डोला कुवाँ में डारी,
छिप कर बैठ गये बनवारी भरी गुलेर बजरियाँ मारी,
राधा तेरी मटकिया गिराऊँगा जरूर,
धीरे धीरे मुरली बजाऊँगा ज़रूर,
राधा तेरी गलियों में आऊँगा ज़रुर,
धीरे धीरे मुरली बजाऊँगा ज़रूर,
बाँट मुराद रहे हैं मोहन दर्शन करने को व्याकुल मन है,
व्याकुल मन है, व्याकुल मन है,
प्रीत करन की लगी लगन है चरण पड़ा ये कवि "बीजन" है,
भगतों की बिगड़ी बनाऊँगा जरूर,
धीरे धीरे मुरली बजाऊँगा ज़रूर,
राधा तेरी गलियों में आऊँगा ज़रुर,
धीरे धीरे मुरली बजाऊँगा ज़रूर,
धीरे धीरे मुरली बजाऊँगा ज़रूर,
मात यशोदा के ये बोला, सिलवा दो मुझको इक झोला,
मुझको इक झोला, मुझकों इक झोला,
मैया दिया हाथ का झोला, कान कही काहे मन डोला,
गइयाँ चराने मैं जाऊँगा ज़रूर,
धीरे धीरे मुरली बजाऊँगा ज़रूर,
मधुवन बीच गए नंदलाला, हाथ में झंडी कंबल काला,
कंबल काला, कंबल काला,
आज कन्हैयाँ बन गये ग्वालें मन हरषा रहे गोपाला,
राधा तेरी दहियाँ मैं खाऊगा जरूर,
धीरे धीरे मुरली बजाऊँगा ज़रूर,
राधा तेरी गलियों में आऊँगा ज़रुर,
धीरे धीरे मुरली बजाऊँगा ज़रूर,
मन मनिहार बने जब कान्हाँ, पहुँच गये तो मोहन बरसाना,
मोहन बरसाना, मोहन बरसाना,
छलिया छल कर गया दीवाना राधा ने जाना पहचाना,
राधा तुझे चूड़ी पहनाऊँगा जरूर,
धीरे धीरे मुरली बजाऊँगा ज़रूर,
राधा तेरी गलियों में आऊँगा ज़रुर,
धीरे धीरे मुरली बजाऊँगा ज़रूर,
ग्वाल बाल सँग चले कनाही, उधम करन को फ़ौज बनाई,
छींटे छड़े गुजरियाँ आई पकड़े गये मार जब खाई,
चोरी चोरी मैं माखन खाऊँगा जरूर,
धीरे धीरे मुरली बजाऊँगा ज़रूर,
राधा तेरी गलियों में आऊँगा ज़रुर,
धीरे धीरे मुरली बजाऊँगा ज़रूर,
पनघट पर पहुँची पनहारी, नेजू डोला कुवाँ में डारी,
छिप कर बैठ गये बनवारी भरी गुलेर बजरियाँ मारी,
राधा तेरी मटकिया गिराऊँगा जरूर,
धीरे धीरे मुरली बजाऊँगा ज़रूर,
राधा तेरी गलियों में आऊँगा ज़रुर,
धीरे धीरे मुरली बजाऊँगा ज़रूर,
बाँट मुराद रहे हैं मोहन दर्शन करने को व्याकुल मन है,
व्याकुल मन है, व्याकुल मन है,
प्रीत करन की लगी लगन है चरण पड़ा ये कवि "बीजन" है,
भगतों की बिगड़ी बनाऊँगा जरूर,
धीरे धीरे मुरली बजाऊँगा ज़रूर,
राधा तेरी गलियों में आऊँगा ज़रुर,
धीरे धीरे मुरली बजाऊँगा ज़रूर,
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